Today’s Current Affairs in Hindi | 30 मार्च 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 30 मार्च 2025 के current affairs today in hindi.
30 मार्च 2025 डेली करेंट अफेयर्स
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 मार्च 2025 को महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दी, जिससे यह 53% से बढ़कर 55% हो गया। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से लागू होगी, जिससे 48.66 लाख सरकारी कर्मचारी और 66.55 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। सरकार पर इस फैसले से ₹6,614.04 करोड़ का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत किया गया यह संशोधन बढ़ती महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने के उद्देश्य से किया गया है। महंगाई भत्ता वर्ष में दो बार संशोधित किया जाता है और यह औद्योगिक श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित होता है। पिछली बार जुलाई 2024 में DA को 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था। आगामी 8वें वेतन आयोग की चर्चा के बीच इस वृद्धि को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वास्तविक क्रय शक्ति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, भारत 284 अरबपतियों के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर बना हुआ है, लेकिन शंघाई ने मुंबई को पीछे छोड़ते हुए एशिया की अरबपति राजधानी का ताज अपने नाम कर लिया है। भारत के अरबपतियों की कुल संपत्ति ₹98 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में 10% अधिक है। इस साल 175 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति बढ़ी, जबकि 109 की संपत्ति घटी या स्थिर रही। भारत में 40 वर्ष से कम उम्र के 7 अरबपति हैं, जिनमें सबसे युवा केवल 34 साल के हैं। मुकेश अंबानी ने फिर से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का ताज हासिल किया, हालांकि उनकी संपत्ति ₹1 लाख करोड़ घटकर ₹8.6 लाख करोड़ रह गई। वहीं, गौतम अडानी की संपत्ति में ₹1 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जिससे उनकी कुल संपत्ति ₹8.4 लाख करोड़ हो गई। वैश्विक स्तर पर, अमेरिका 870 अरबपतियों के साथ पहले स्थान पर है, जबकि चीन 823 अरबपतियों के साथ दूसरे स्थान पर है। इस साल भी सिलिकॉन वैली का दबदबा कायम रहा, क्योंकि शीर्ष 10 में से 9 स्थान अमेरिकी व्यापार दिग्गजों ने हासिल किए हैं।
- एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (LTF) ने भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है, जिससे ब्रांड की पहचान मजबूत होगी और ग्राहकों से जुड़ाव बढ़ेगा। LTF, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है, ग्रामीण व्यापार वित्त, फार्म उपकरण वित्त और दोपहिया वाहन वित्त में अग्रणी है। इसकी पहुंच 2 लाख गांवों तक है, 2,028 ग्रामीण और 185 शहरी शाखाओं के साथ 12,500 से अधिक वितरण टच पॉइंट हैं। बुमराह ATL और BTL मार्केटिंग अभियानों का प्रमुख चेहरा होंगे, जिससे ब्रांड जागरूकता और ग्राहक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा। LTF अपने ‘लक्ष्य 2026’ रोडमैप के तहत डिजिटल परिवर्तन को प्राथमिकता दे रहा है, जिसमें ग्राहकों पर केंद्रित सेवाएं, मजबूत खुदरा पोर्टफोलियो, Fintech@Scale के जरिए नवाचार और ESG सिद्धांतों का पालन शामिल है। कंपनी को AAA क्रेडिट रेटिंग, ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क®’ प्रमाणन और ‘डिजिटल सखी’ जैसी CSR पहल के लिए मान्यता मिली है, जो महिलाओं के डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण पर केंद्रित है। यह साझेदारी RISE Worldwide के माध्यम से हुई, जिसका उद्देश्य LTF के ब्रांड विस्तार और 2.5 करोड़ ग्राहकों से जुड़ाव को मजबूत करना है।
- मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने सुनील कक्कड़ को निदेशक (कॉर्पोरेट योजना) के रूप में नियुक्त किया है, जिनका कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2028 तक रहेगा। कक्कड़ के पास 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने कंपनी में कॉर्पोरेट योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और स्थानीयकरण प्रयासों में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में वे वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी और कार्यकारी समिति के प्रमुख सदस्य हैं। इससे पहले, वे आपूर्ति श्रृंखला प्रमुख और गुरुग्राम संयंत्र संचालन के प्रमुख रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में जापानी, इतालवी और फ्रेंच कंपनियों के साथ AMT टेक्नोलॉजी, प्लास्टिक फ्यूल टैंक, हाई-टेंसाइल शीट मेटल और कंट्रोलर से जुड़े संयुक्त उपक्रम स्थापित किए गए हैं। वे मार्क एग्जॉस्ट सिस्टम्स, SKH मेटल्स और हनोन क्लाइमेट सिस्टम्स इंडिया के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं। इसके अलावा, वे SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के आत्मनिर्भर भारत-सोर्सिंग ग्रुप के अध्यक्ष हैं, जो भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में स्थानीयकरण को बढ़ावा देता है। कक्कड़ की यह नियुक्ति कंपनी की रणनीतिक योजनाओं को मजबूती देने और उद्योग में उनके व्यापक अनुभव का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
- स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलंबो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में भारत और श्रीलंका के विद्वानों और धार्मिक नेताओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन में भगवान श्रीराम के वैश्विक प्रभाव और श्रीलंका में रामायण से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता पर चर्चा हुई। रामायण के ऐतिहासिक, धार्मिक और दार्शनिक पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बीकानेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित और गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। श्रीलंका के रामायण से जुड़े स्थलों जैसे सीता एलिया, मनवारी मंदिर और मुन्नेश्वरम मंदिर पर विशेष चर्चा हुई, जो धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन स्थलों को रामायण से जुड़ी घटनाओं और भगवान श्रीराम की लीलाओं से जोड़कर देखा जाता है। सम्मेलन में श्रीराम के चरित्र, नेतृत्व और शासन प्रणाली के वैश्विक प्रभाव को भी रेखांकित किया गया। थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया और नेपाल जैसे देशों में रामायण से प्रेरित कला और साहित्य की उपस्थिति को उजागर किया गया। इस आयोजन ने रामायण की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया और आध्यात्मिक पर्यटन एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।
- अंतरराष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य टिकाऊ उत्पादन, उपभोग और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना है। 2024 का विषय “Towards Zero Waste in Fashion and Textiles” फैशन और वस्त्र उद्योग में अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित है। वैश्विक स्तर पर हर साल 2.1 से 2.3 अरब टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है, लेकिन 2.7 अरब लोग अब भी अपशिष्ट संग्रहण सेवाओं से वंचित हैं। फैशन उद्योग दुनिया के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है, जहां 2000 से 2015 के बीच वस्त्र उत्पादन दोगुना हुआ और हर साल 92 मिलियन टन कपड़ा कचरा उत्पन्न होता है। फास्ट फैशन इस समस्या को और गंभीर बना रहा है, जिससे पर्यावरण और विकासशील देशों पर भारी बोझ पड़ रहा है। समाधान के लिए सतत उत्पादन, पुनर्चक्रण, पर्यावरण-अनुकूल वस्त्रों का उपयोग, और परिपत्र अर्थव्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता है। उपभोक्ताओं को टिकाऊ वस्त्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जबकि कंपनियों को लंबे समय तक उपयोग होने वाले उत्पाद डिजाइन करने चाहिए। सरकारें विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR), अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवसंरचना और सतत व्यवसायों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को लागू कर सकती हैं। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहायक है।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने IIT कानपुर में टेककृति 2025 का उद्घाटन किया, जो एशिया का सबसे बड़ा तकनीकी और उद्यमिता महोत्सव है। इस साल की थीम “पांटा रेई” (सब कुछ प्रवाहित होता है) थी, जो सतत नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास का प्रतीक है। कार्यक्रम में भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग और कॉग्निटिव वारफेयर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर चर्चा हुई। युवाओं को राष्ट्र की तकनीकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया। रक्षा प्रदर्शनी ‘रक्षककृति’ में स्वायत्त ड्रोन, AI-आधारित युद्ध प्रणालियों और स्वदेशी रक्षा नवाचारों का प्रदर्शन किया गया, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में मजबूती आई। इस अवसर पर एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित और IIT कानपुर के निदेशक प्रो. मनींद्र अग्रवाल भी उपस्थित रहे। रक्षा-शिक्षा-उद्योग सहयोग को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे शैक्षिक अनुसंधान को रक्षा क्षेत्र की वास्तविक आवश्यकताओं से जोड़ा जा सके। IIT कानपुर को रक्षा प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला प्रमुख संस्थान बताया गया। इस आयोजन ने उन्नत सैन्य तकनीकों की दिशा में भारत के बढ़ते कदमों को रेखांकित किया।
- भारतीय सेना ने 25-27 मार्च 2025 के बीच अरुणाचल प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्र में त्रि-सेवा युद्धाभ्यास ‘प्रचंड प्रहार’ का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय को मजबूत करना और युद्ध क्षमताओं को परखना था। इस अभ्यास में उन्नत निगरानी प्रणालियाँ, ड्रोन, लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली, लड़ाकू विमान और तोपों का उपयोग किया गया, जिससे सटीक मारक क्षमता का परीक्षण किया गया। अभ्यास के तहत थल, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दिया गया और वास्तविक समय में डेटा विश्लेषण कर लक्ष्यों पर हमले किए गए। इसमें इलेक्ट्रॉनिक बाधाओं के साथ यथार्थ युद्ध स्थितियों का निर्माण कर संचार और डेटा साझा करने की प्रभावशीलता को परखा गया। यह अभ्यास नवंबर 2024 में हुए ‘पूर्वी प्रहार’ का उन्नत संस्करण था, जिसमें बहु-क्षेत्रीय एकीकरण को जोड़ा गया। इस अभ्यास से भारत की ऊँचाई वाले कठिन इलाकों में युद्ध की तैयारी, संयुक्तता और तकनीकी श्रेष्ठता को बढ़ावा मिला। साथ ही, यह एलएसी के निकट भारत की रक्षा और आक्रामक तैयारियों का स्पष्ट संकेत भी देता है।
- राजनीत कोहली, जो पहले ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के सीईओ थे, 7 अप्रैल 2025 से हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के फूड्स और रिफ्रेशमेंट डिवीजन के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वे शिवा कृष्णमूर्ति का स्थान लेंगे, जो कंपनी से अलग हो रहे हैं। कोहली को उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर में 30 वर्षों का अनुभव है, और उन्होंने एशियन पेंट्स, कोका-कोला, जुबिलेंट फूडवर्क्स और ब्रिटानिया जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया है। HUL का फूड्स बिजनेस किसान, ब्रू, नॉर, ब्रुक बॉन्ड, हॉर्लिक्स, लिप्टन और हेलमैन्स जैसे प्रमुख ब्रांड्स के साथ कंपनी के कुल कारोबार का 25% योगदान देता है, जिससे वित्तीय वर्ष 2024 में ₹15,292 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। ब्रिटानिया में अपने कार्यकाल के दौरान, कोहली ने नवाचार और डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से कंपनी की नेतृत्व स्थिति को मजबूत किया। उनकी यह नियुक्ति HUL के नेतृत्व परिवर्तन का हिस्सा है, जिसमें हाल ही में रोहित जावा को एमडी और सीईओ (2023), हरमन ढिल्लों को ब्यूटी और वेल-बीइंग डिवीजन का कार्यकारी निदेशक (2023) और अरुण नीलकांतन को कस्टमर डिवेलपमेंट डिवीजन का कार्यकारी निदेशक (2024) नियुक्त किया गया था।
- भारतीय बैंक संघ (IBA) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह घोषणा 28 मार्च 2025 को IBA प्रबंध समिति की बैठक के बाद हुई। सेट्टी अगले वार्षिक आम बैठक (AGM) तक इस पद पर रहेंगे और उन्होंने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एमवी राव का स्थान लिया है। इसके अलावा, IBA ने तीन उपाध्यक्ष नियुक्त किए हैं—यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सीईओ ए. मणिमेखलाई, पंजाब एंड सिंध बैंक के सीईओ स्वरूप कुमार साहा, और बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत इंडिया के सीईओ माधव नायर। करूर वैश्य बैंक के सीईओ बी. रमेश बाबू को मानद सचिव बनाया गया है। बतौर अध्यक्ष, सेट्टी बैंकिंग क्षेत्र के विकास और नीति निर्माण में सहयोग देंगे और उद्योग से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ‘सहकार’ नामक एक नई ऐप-आधारित टैक्सी सेवा की घोषणा की, जो ओला और उबर की तरह काम करेगी लेकिन सहकारी मॉडल पर आधारित होगी। इस सेवा का उद्देश्य ड्राइवरों को केवल सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि लाभ के हिस्सेदार बनाना है, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और पारदर्शी किराया प्रणाली सुनिश्चित होगी। सरकार इस पहल को ‘सहकार से समृद्धि’ मिशन के तहत ला रही है, जिससे निजी टैक्सी सेवाओं की अनुचित मूल्य निर्धारण रणनीतियों से निपटा जा सके। यह सेवा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ शहरों में शुरू होगी और फिर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित की जाएगी। हाल ही में ओला और उबर पर भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण को लेकर उपभोक्ता शिकायतें आई थीं, जिसके बाद सरकार ने इस सहकारी मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (संशोधन) विधेयक, 2023 के तहत एक राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है, जो सहकारी प्रबंधन में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस पहल से ड्राइवरों को निष्पक्ष कमाई का अवसर मिलेगा और सहकारी संस्थानों को मजबूती मिलेगी, जिससे देश में सहकारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान स्टीव वॉ को ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया है, जहां वे दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इस नियुक्ति की घोषणा की। यह केंद्र सरकार, उद्योग, शिक्षा और समुदाय के बीच सेतु का काम करता है, और वॉ की भूमिका इसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं को दिशा देना होगी। स्टीव वॉ का भारत से गहरा नाता रहा है—वे क्रिकेट के अलावा चैरिटी, सांस्कृतिक विनिमय और खेल कूटनीति के माध्यम से भी जुड़े रहे हैं। उनकी “स्टीव वॉ फाउंडेशन” स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग करती है, और उनकी किताब “द स्पिरिट ऑफ क्रिकेट: इंडिया” भारतीय क्रिकेट संस्कृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है। उनकी नियुक्ति से शिक्षा, पर्यटन, खेल और आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस बोर्ड में पहले एडम गिलक्रिस्ट भी सदस्य थे, जिनके योगदान की सराहना की गई। हाल ही में दोनों देशों ने व्यापार, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे सहयोग और गहरा हुआ है। स्टीव वॉ की नई भूमिका इन संबंधों को और ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी।
- भारत ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2024-26 में दर्शाया गया है। 2021 में 24.4% थी जो 2024 में बढ़कर 48.8% हो गई, जिससे 92 करोड़ लोग (65% जनसंख्या) विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 39.94 करोड़ कार्ड जारी किए गए, जिससे ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) से 80.67 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न मिल रहा है। असंगठित श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल पर 30.68 करोड़ पंजीकरण हुए, जिनमें 53.68% महिलाएँ हैं। अटल पेंशन योजना (APY) से 7.25 करोड़ सदस्य लाभान्वित हुए और कुल संचित कोष ₹43,369.98 करोड़ तक पहुँच गया। पिछले 10 वर्षों में 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए। भारत सरकार ने 19 मार्च 2025 को “सोशल प्रोटेक्शन डेटा पूलिंग एक्सरसाइज” शुरू की, जिसमें 10 राज्यों की 34 योजनाओं के 200 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड जोड़े गए हैं। ILO ने भारत की योजनाओं को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में शामिल करने की सिफारिश की है, जिससे भारत वैश्विक सामाजिक सुरक्षा नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
- फरवरी 2025 में भारत के कोर सेक्टर की वृद्धि घटकर 2.9% रह गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे धीमी रही और फरवरी 2024 के 7.1% की तुलना में काफी कम है। गिरावट का मुख्य कारण लीप वर्ष से जुड़े उच्च आधार प्रभाव और आठ में से पांच उद्योगों में कमजोर उत्पादन रहा। सिर्फ सीमेंट (10.5%) और उर्वरक (10.2%) उद्योगों ने वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जबकि स्टील (5.6%) और बिजली उत्पादन (2.8%) में मामूली सुधार हुआ। दूसरी ओर, कच्चे तेल (-5.2%) और प्राकृतिक गैस (-6%) का उत्पादन गिर गया। रिफाइनरी उत्पादन मात्र 0.8% बढ़ा, जो पिछले छह महीनों में सबसे धीमी वृद्धि है। जनवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 5% बढ़ा था, लेकिन कोर सेक्टर में गिरावट इसके विकास को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग PMI भी जनवरी के 57.7 से घटकर फरवरी में 56.3 रह गया, जो औद्योगिक गतिविधियों में मंदी का संकेत देता है।
- हाल ही में, AI-जनित स्टूडियो घिबली-शैली की कला सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। OpenAI के GPT-4o ने उपयोगकर्ताओं को खुद की, प्रसिद्ध हस्तियों की और ऐतिहासिक घटनाओं की घिबली-शैली में छवियाँ बनाने की सुविधा दी है, जिससे डिजिटल दुनिया में घिबली-प्रेरित कला की बाढ़ आ गई है। स्टूडियो घिबली अपनी सुंदर हस्तनिर्मित एनीमेशन शैली, भावनात्मक कहानी कहने और जादुई यथार्थवाद के लिए प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना 1985 में हयाओ मियाज़ाकी, इसाओ ताकाहाता और तोशियो सुजुकी ने की थी। घिबली की कला को कोमल पेस्टल रंग, विस्तृत पृष्ठभूमि, भावनात्मक चरित्र डिज़ाइन और पारंपरिक हस्तनिर्मित तकनीक से पहचाना जाता है। इसकी प्रसिद्ध फ़िल्मों में ‘माई नेबर तोतोरो’, ‘प्रिंसेस मोनोनोके’, ‘स्पिरिटेड अवे’ और ‘हाउल्स मूविंग कैसल’ शामिल हैं। हालांकि, मियाज़ाकी AI-जनित एनीमेशन के आलोचक हैं और मानते हैं कि सच्ची कला में मानवीय भावना और आत्मा होनी चाहिए, जो मशीन दोहरा नहीं सकती। AI-जनित घिबली-शैली की कला एक रोमांचक प्रवृत्ति बन गई है, लेकिन यह बहस भी छेड़ती है कि क्या AI कभी वास्तविक कलाकारों की जगह ले सकता है।