UKPSC Uttarakhand PCS Mains Exam Paper 2 Syllabus

UKPSC Uttarakhand PCS Mains Exam Paper 2 Syllabus : UKPSC PCS Mains Exam Paper 2 (भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति) syllabus. उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा के द्वितीय प्रश्नपत्र भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति का पाठ्यक्रम यहाँ दिया गया है।

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द्वितीय प्रश्न पत्र

भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति

समयः 03 घण्टे – 200 अंक

प्रागैतिहासिक काल : जातियां एवं संस्कृति
आद्यऐतिहासिक काल : पुरापाषाणकाल – आखेटक और खाद्य संग्रहक ; मध्यपाषाणयुगखाद्य उत्पादक आदि।।
ताम्रपाषाणयुग : कृषक संस्कृति, बस्तियां, ताम्रनिधियां एवं गैरिक मृदभाण्ड अवस्था ; कांस्ययुगीन सभ्यताएं – हड़प्पा संस्कृति, भौगोलिक विस्तार, नगर योजना, संरचनाएं एवं निकास व्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन, आदि।

वैदिक युग – ऋग्वैदिक युग – राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन, उत्तरवैदिक युग-राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन, महाकाव्य एवं धर्मशास्त्रों का युग, छठी शताब्दी ई0पू0 में धार्मिक आन्दोलन- जैन एवं बौद्ध धर्म एवं अन्य पहलू।

महाजनपदों एवं मगध साम्राज्य का उत्कर्ष, पारसी एवं यूनानी आक्रमण : पर्शिया का आक्रमण ; सिकन्दर महान एवं उसकी विरासत।

मौर्य साम्राज्य : चन्द्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, अशोक एवं उसका धम्म, मौर्य साम्राज्य का पतन ; मौर्यकाल का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन आदि।

मौर्योत्तर काल : शक, कुषाण, पलव, वाकाटक एवं सातवाहन कालीन राजनीतिक सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन तथा अन्य पहलू। गुप्त राजवंश – चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, स्कन्दगुप्त, परवर्ती गुप्त शासक एवं गुप्त वंश का पतन; गुप्तकालीन राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन, गुप्तोत्तर कालहर्षवर्द्धन एवं उसका युग; पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट, चोल, चालुक्य, पल्लव, चन्देल, परमार, गहडवाल, चौहान, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन आदि।

भारत में इस्लाम का आगमन, अरबों का सिंध पर आक्रमण, तुर्को का भारत पर आक्रमण, दिल्ली सल्तनत की स्थापना : कुतुबुद्दीन ऐबक, इल्तुतमिश, रजिया : प्रारंभिक तुर्की शासन का स्वरूप : बलबन-न्याय व्यवस्था और राजत्व का सिद्धान्त।

खिलजी वंश : जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी; साम्राज्य विस्तार, प्रशासनिक, सैन्य एवं आर्थिक सुधार।

तुगलक वंश : गयासुद्दीन तुगलक, मुहम्मद बिन तुगलक–राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्रयोग, फिरोजशाह तुगलक, मंगोल आक्रमण और उसका प्रभाव। दिल्ली सल्तनत का विघटन, प्रथम अफगान राज्य ; उत्तर भारत में स्वतंत्र मुस्लिम राज्यों का उदय-जौनपुर के शर्की; कश्मीर का सुल्तान सिकन्दर और सुल्तान जैनुल आबिदीन; मालवा, बंगाल और गुजरात तथा अन्य राज्य।

सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन : सूफीवाद एवं भक्ति आन्दोलन।

दक्षिण भारत : संगम युग, देवगिरि के यादव, वारंगल के काकतीय, द्वारसमुद्र के होयसल, मदुरै के पाण्ड्य; चोल राजवंश, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन, विजयनगर और बहमनी राज्य- राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन, दिल्ली सल्तनत का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन।

मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर, हुमायूँ, शेरशाह सूरी, अकबर, जहाँगीर, शाहजहां, औरंगजेब; परवर्ती मुगल और मुगल साम्राज्य का पतन, बहादुर शाह जफर, मुगल प्रशासन, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक जीवन, कला, संस्कृति और तकनीक ।

मराठा शक्ति का उत्कर्ष – शिवाजी और उनका प्रशासन, पेशवाओं का उत्कर्ष, मराठा और समाज, बुन्देले, सिख, जाट, सतनामी।

यूरोपीय शक्तियों का आगमन और विस्तार – पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी और अंग्रेज।। आंग्ल फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा और कर्नाटक युद्ध।

उपनिवेशवाद का प्रारम्भ : ईस्ट इंडिया कम्पनी और बंगाल- नबाब सिराजुद्दौला, प्लासी का युद्ध, मीर जाफर, मीरकासिम, बक्सर का युद्ध, द्वैध शासन प्रणाली, क्लाइव की दूसरी गवर्नरी।

18वीं शताब्दी में समाज और अर्थव्यवस्था, भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण, वारेन हेस्टिंग्स, लॉर्ड कार्नवालिस, लॉर्ड वेलेजली, लॉर्ड हेस्टिंग्स, विलियम बेटिंक, लॉर्ड एलेनबरो और सिन्ध का विलय-लॉर्ड आकलैण्ड और प्रथम अफगान युद्ध, अंग्रेज और भारतीय राज्य- मैसूर, पंजाब, अवध, हैदराबाद,

मराठा : लार्ड डलहौजी।

1757-1857 के मध्य ब्रिटिश सरकार का ढांचा एवं आर्थिक नीतियां; प्रशासनिक संगठन और सामाजिक एवं सांस्कृतिक नीतियां।

उन्नीसवीं शताब्दी में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन : ब्रह्म समाज, आर्य समाज, थियोसोफिकल सोसायटी इत्यादि।

ब्रिटिश शासन का प्रतिरोध : जनजातीय तथा असैनिक विद्रोह, लोकप्रिय आंदोलन तथा सैनिक विद्रोह (1757-1856), 1857 का विद्रोह; कारण, स्वरूप, घटनाक्रम, परिणाम एवं विफलता।

1858 के बाद प्रशासनिक परिवर्तन : अंग्रेजी शासन के आर्थिक प्रभाव, औद्योगीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन : भारत में राष्ट्रवाद का विकास, राष्ट्रीय आंदोलन का उदय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-उद्गम, उदारवादी एवं अतिवादी विचारधारा, बंगाल का विभाजन (1905), स्वदेशी आंदोलन(1905), मुस्लिम लीग की स्थापना(1906), सूरत अधिवेशन और कांग्रेस का प्रथम विभाजन (1907), मार्ले-मिण्टो सुधार अधिनियम (1909)।

प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रीय आंदोलन : होमरूल आंदोलन, लखनऊ समझौता (1916), चम्पारन और खेड़ा सत्याग्रह (1917) : गांधी-युग, राष्ट्रीय आंदोलन (1919-1927); मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम (1919), रौलेट अधिनियम (1919), जलियाँवालाबाग नरसंहार, खिलाफत और असहयोग आंदोलन (1919-1922), चौरी चौरा काण्ड (1922), स्वराज पार्टी, साइमन कमीशन (1927), भारत एवं विदेशों में क्रांतिकारी आन्दोलन।

राष्ट्रीय आंदोलन (1927-1947) : साइमन कमीशन का बहिष्कार, नेहरू रिपोर्ट, कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन (1929), प्रेस और राष्ट्रीय आन्दोलन, पूर्ण स्वराज, सविनय अवज्ञा आंदोलन, प्रथम गोल मेज सम्मेलन, गांधी-इर्विन समझौता, द्वितीय गोल मेज सम्मेलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन का द्वितीय चरण, साम्प्रदायिक निर्णय (कम्यूनल अवार्ड), तृतीय गोलमेज सम्मेलन, पूना समझौता, बी0आर0 अम्बेडकर एवं दलित आन्दोलन, राष्ट्रवादी राजनीति (1935–1939), भारत सरकार अधिनियम (1935), कांग्रेस मंत्रिमण्डल, समाजवादी, साम्यवादी पूंजीवादी विचाराधारा एवं उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव एवं विचारधारा का विकास, कृषक एवं कामगार आंदोलन : कांग्रेस और वैश्विक मामले। कांग्रेस मंत्रिमण्डलों का त्यागपत्र, सुभाष चन्द्र बोस एवं आजाद हिन्द फौज (आई0एन0ए0)।

साम्प्रदायिकता का विकास तथा पाकिस्तान की माँग।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन : अगस्त प्रस्ताव, व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, सी0आर0 दास फार्मूला, गांधी- जिन्ना वार्ता, भूला भाई देसाई-लियाकत अली समझौता, वेवेल योजना और शिमला सम्मेलन, प्रांतीय एवं आम चुनाव, कैबिनेट मिशन योजना, आज़ाद हिन्द फौज, सीधी कार्यवाही दिवस, अन्तरिम सरकार, माउंटबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (1947) : साम्प्रदायिक दंगे एवं भारत का विभाजन ।

स्वतन्त्रयोत्तर भारत : संविधान सभा और संविधान का निर्माण, आजादी के बाद का भारत, भारत की विदेश नीति- पंचशील, निर्गुट आन्दोलन, सार्क, पंचवर्षीय योजनायें, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स की समाप्ति, जे0पी0(जय प्रकाश नारायण) का आन्दोलन, आपातकाल, मिली-जुली सरकारों का युग, आन्तरिक विद्रोह।

वैदेशिक नीति : पंचशील, भारत-चीन एवं भारत-पाकिस्तान युद्ध, निर्गुट आन्दोलन, सार्क (साउथ एशियन एसोसियेशन फॉर रीजनल कॉआपरेशन)।

उत्तराखण्ड का इतिहास एवं संस्कृति : प्रागैतिहासिक काल, आद्य ऐतिहासिक काल, उत्तराखण्ड की प्राचीन जनजातियां, कुणिन्द एवं यौधेय, कत्यूरी राजवंश, गढ़वाल का परमार राजवंश – शासन, समाज, अर्थव्यवस्था, कुमाऊँ का चंद राजवंश- शासन, समाज, अर्थव्यवस्था, गोरखा आक्रमण एवं उत्तराखण्ड में शासन, उत्तराखण्ड में धर्म एवं संस्कृति।

उत्तराखण्ड में ब्रिटिश शासन : प्रशासनिक व्यवस्था, सामाजिक सुधार, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, एवं चिकित्सा व्यवस्था, उत्तराखण्ड में देशी भाषा की पत्रकारिता का विकास, टिहरी रियासत-शासन, समाज, अर्थव्यवस्था, धर्म एवं संस्कृति, उत्तराखण्ड और राष्ट्रीय आन्दोलन, उत्तराखण्ड के प्रमुख स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, स्वतंत्रता एवं टिहरी रियासत का विलय।

उत्तराखण्ड के जन आन्दोलन : कुली बेगार, टिहरी राज्य में रियासत विरोधी आन्दोलन, डोला–पालकी आन्दोलन, चिपको आन्दोलन, नशा विरोधी आन्दोलन, उत्तराखण्ड के संत एवं सामाजिक सुधारक, पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आन्दोलन एवं उसके तात्कालिक एवं दूरगामी परिणाम, उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थल एवं मंदिर; उत्तराखंड के प्रमुख पुरातात्विक स्थल, उत्तराखंड के प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक मेलें, त्यौहार एवं यात्रायें, सांस्कृतिक महत्व के स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख गीत एवं नृत्य, वाद्ययंत्र, चित्रकला, वेशभूषा, एवं खान-पान, बोलियां, उत्तराखंड के प्रमुख लोकगायक, रंगकर्मी, उत्तराखण्ड के शिल्प, उद्योग एवं वाणिज्य, उत्तराखण्ड में शिक्षा का विकास।

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