उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा : उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा कब मिला ? – 2 मई, 2001 को केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को 1 अप्रैल, 2001 से विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार उत्तराखंड देश के उन 11 राज्यों में सम्मिलित हो गया है जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है जो हैं – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और 11 वां राज्य है उत्तराखंड।
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उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा
क्या है विशेष राज्य का दर्जा
देश के आर्थिक रूप से पिछड़े और जनजाति बहुल आबादी वाले पहाड़ी इलाके अथवा पडोसी मुल्क की सीमा से लगे हुए राज्य इसके अंतर्गत आते हैं।
ऐसे प्रदेशों को केंद्र सरकार की तरफ से विशेष प्रावधान के जरिए उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में छूट और योजना सहायता में सहूलियतें मिलती हैं। यदि कोई निवेशक इन राज्यों में निवेश करता है तो उन्हें टैक्स बेनिफिट मिलता है।
विशेष श्रेणी प्राप्त राज्यों को केन्द्रीय सहायता एक विशेष रियायती पैमाने पर मिलती है। अब उत्तराखण्ड को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता में 90 प्रतिशत हिस्सा अनुदान का और 10 प्रतिशत ऋणों का है। जबकि अन्य राज्यों को मिलने वाली सहायता में अनुदान का भाग 70 प्रतिशत और ऋण का हिस्सा 30 प्रतिशत होता है। विशेष श्रेणी प्राप्त राज्यों को ये सुविधाएँ स्थायी रूप से जारी रहेंगी।
विशेष श्रेणी प्राप्त राज्य
राज्य – वर्ष
असम – 1969
नगालैंड – 1969
जम्मू कश्मीर – 1969
हिमाचल प्रदेश – 1971
मणिपुर – 1972
मेघालय – 1972
त्रिपुरा – 1972
सिक्किम – 1975
मिज़ोरम – 1975
अरुणाचल प्रदेश – 1975
उत्तराखंड – 2001
मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम, अनुसूचित जाति व जनजाति के अम्ब्रेला प्रोग्राम, मल्टी सेक्टोरियल डेवलपमेंट प्लान, मदरसा शिक्षा में 60:40 के अनुपात में धनराशि मिलती थी। अब 90:10 के अनुपात मिलेगी।
कोर योजना के रूप में चिन्हित इन 27 योजनाओं में 50:50 के अनुपात में धन मिलता था। अब 90:10 के अनुपात में मिलेगा।
- कृषि उन्नति योजना
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
- राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना
- स्वच्छ भारत अभियान
- राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
- राष्ट्रीय शिक्षा मिशन
- एकीकृत बाल विकास सेवाएं
- एकीकृत बाल सुरक्षा योजना
- मिड-डे-मील
- शहरी व ग्रामीण आवासीय योजना
- राष्ट्रीय आजीविका मिशन
- वन्य जीव एवं वानिकी योजनाएं
- अमृत व स्मार्ट सिटी मिशन
- पुलिस आधुनिकीकरण
- न्यायिक सेवाओं के लिए आधारभूत ढांचा सुविधाएं
इन कार्यक्रमों में 50:50 के बजाय अब 80:20 अनुपात में धनराशि दी जाएगी।
- राष्ट्रीय एड्स एवं एसटीडी कंट्रोल प्रोग्राम
- राष्ट्रीय स्किल डेवलपमेंट मिशन
- अपराध रोकथाम, महामारी रोकथाम आदि।
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