उत्तराखंड में फिल्मों और नाट्य कला का इतिहास 1983 में आयी पहली गढवाली फिल्म जग्वाल (Jagwal) से शुरु होता है। 1983 से 2009 तक कुल 58 गढ़वाली बोली की और 4 कुमाऊनी बोली की फिल्में प्रदर्शित हुई है। सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या घटते जाने के कारण 2005 के बाद से प्रायः वीडियो फिल्में बनाई जा रही है। कुमाऊनी बोली की प्रथम फिल्म मेघा आ थी।
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जग्वाल – गढ़वाली भाषा में
राज्य की प्रथम फिल्म, निर्माता पारेश्वर गौड़ द्वारा निर्मित है। इसके नायक पारेश्वर गौड़ व रमेश मैन्दोलिया और नायिका कुसुम बिष्ट थी।
Jagwal was the first film of Uttarakhand, and also the first film of Garhwal region.
घरजवैं – गढ़वाली भाषा में
विश्वेश्वर दत्त नौटियाल द्वारा निर्मित, यह 35MM की एकमात्र गढ़वाली फिल्म है। यह 1985 में बनी और दिल्ली के संगम सिनेमा हॉल में लगातार 29 सप्ताह चली। यह सर्वाधिक सफल गढ़वाली फ़िल्म रही है। इसमें अभिनेता बलराज नेगी और अभिनेत्री शांति चतुर्वेदी थी।
Gharjavan is the most successful film of Garhwal.
मेघा आ – कुमाऊनी भाषा में
मेघा आ कुमाऊनी बोली की प्रथम फिल्म थी।
Megha Aa was the first Kumaoni film.
रामलील
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रामलीला पुरे भारत में आयोजित की जाती है। उसी प्रकार उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों में रामलीला का आयोजन होता है। कुछ हिस्सों में इसका आयोजन दशहरे के अवसर पर होता है, तो कुछ क्षेत्रों में खरीफ की फसल काटने के उपरांत। कुरवांचल रामलीला मूलतः अल्मोड़ा शैली की रामलीला मानी जाती है।
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