उत्तराखंड के वन्य-जीव विहार, राष्ट्रीय उद्यान एवं संरक्षण विहार : उत्तराखंड राज्य में प्रथम वन्य जीव संरक्षण केंद्र के रूप में 1935 में देहरादून जिले में मोतीचूर वन्यजीव विहार की स्थापना की गई थी, जो कि 1983 में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park) में सम्मिलित हो गया।
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड में निम्नलिखित उद्यान हैं :-
- राष्ट्रीय उद्यान (National Park) – 6
- वन्य जीव विहार (Wildlife Sanctuary) – 6
- संरक्षण आरिक्षित (Conservation Reserve) – 2
- उच्च स्तरीय प्रणाली उद्यान (High Level System Park) – 1
- जैव सुरक्षित क्षेत्र (Bio-Safe Area) – 1
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उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान
1. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park)
- स्थापना – 1936 (सर हेली) द्वारा
- कुल क्षेत्रफल – 520.82 वर्ग किलोमीटर
- स्थान – नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल
कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का ही नहीं, बल्कि एशिया का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है। स्वतंत्रता के बाद इसका नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखा गया, लेकिन वर्ष 1957 में महान प्रकृति प्रेमी जिम कॉर्बेट की स्मृति में इसका नाम एक बार पुनः बदलकर कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया, इस पार्क में प्रवेश के लिए नैनीताल जनपद के ढीकाला में प्रवेश द्वार बनाया गया है, जो कि नैनीताल जिला मुख्यालय से 144 किलोमीटर दूर है, यह क्षेत्र नगर पालिका रामनगर से काफी निकट है।
1 नवंबर 1973 को इसे भारत का पहला बाघ संरक्षण पार्क घोषित किया गया। संरक्षित क्षेत्र की घोषणा के बाद पार्क में शेरों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है, इस पार्क में लगभग 570 पक्षी प्रजातियां, 25 सरीसृप की प्रजातियां, व 75 स्तनधारी जीव पाए जाते हैं।
राज्य के सभी उद्यानों में सर्वाधिक पर्यटन इसी उद्यान में आते हैं, इसके बाद क्रमशः राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park) और फूलों की घाटी (Flower Valley) में आते हैं।
2. गोविंद राष्ट्रीय उद्यान (Govind National Park)
- स्थापना – 1980
- स्थान – उत्तरकाशी
- क्षेत्रफल – 472 वर्ग किलोमीटर
3. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)
- स्थापना – 1982
- स्थान – चमोली जिले में
- क्षेत्रफल – 624 वर्ग किलोमीटर
यह उद्यान 5431 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इस उद्यान में हिमालयन भालू, स्नैलैपईस, मस्त डियर, मोनाल, कस्तूरी मृग, भरल आदि पशु-पक्षियों का बाहुल्य हैं। पार्क का मुख्यालय जोशीमठ में है।
4. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)
- स्थापना – 1982
- स्थान – चमोली जनपद में
- क्षेत्रफल – 87.5 वर्ग किलोमीटर
- खोज – 1931 (फ्रेंक स्माइथ)
उद्यान समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर नर और गंध मादन पर्वतों के बीच स्थित है । यहां पुष्पावती नदी बहती है, जो कि कामेत पर्वत से निकलती है। यहां का मुख्य आकर्षण हजारों किस्म की पुष्प और दुर्लभ जंतु है। इसका मुख्यालय जोशीमठ है।
5. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park)
- स्थापना – 1983
- स्थान – देहरादून, हरिद्वार व पौड़ी गढ़वाल
- क्षेत्रफल – 820.42 वर्ग किलोमीटर
इस पार्क में 23 प्रकार के स्तनधारी वन्य प्राणी एवं 313 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। यहां विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां में साल, खैर, शीशम, झिंगन, खरपट, बालकी, सैन, चीड़, सिरस, रोहणी आदि प्रमुख है। इसका मुख्यालय देहरादून में है।
6. गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (Gangotri National Park)
- स्थापना – 1989
- स्थान – उत्तरकाशी जनपद
- क्षेत्रफल – 2390 वर्ग किलोमीटर
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में मुख्य वन्य-जीवों में हिम तेंदुआ, हिमालयन भालू, कस्तूरी मृग, भरल और प्रमुख पक्षियों में मोनाल, कोकलास, ट्रेगोपान आदि है।
उत्तराखंड के वन्य-जीव विहार (अभयारण्य) (Wildlife Sanctuary)
1. गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य (Govind Pashu Vihar National Park and Sanctuary)
- स्थान – उत्तरकाशी
- क्षेत्रफल – 485 वर्ग किलोमीटर
यह मुख्य रूप से हिम बाघ, कस्तूरी मृग, भरल, हिमालयन थार, गुलदार, बिल्ली, काला व भूरा भालू, काकड़, सांभर आदि जानवर और मोनाल, फिजेंट, कोकलास फिजेंट ,कलीज, चकोर, गोल्डन ईगल पक्षी पाए जाते हैं।
2. केदारनाथ वन्य-जीव विहार (Kedarnath Wildlife Sanctuary)
- स्थान – चमोली एवं रुद्रप्रयाग
- क्षेत्रफल – 957 वर्ग किलोमीटर
यह मुख्यतः स्नो लेपर्ड, तेंदुआ, हिमालयन काला एवं पूरा भालू, कस्तूरी मृग, थार, घुरल, सांभर, सेराव, काकड, जंगली सूअर, गीदड़ आदि जंतु पाए जाते हैं।
3. अस्कोट कस्तूरी मृग विहार (Askot Musk Deer Sanctuary)
- स्थापना – 1986
- स्थान – पिथौरागढ़ जनपद
- क्षेत्रफल – 600 वर्ग किलोमीटर
यहां पाए जाने वाले प्रमुख वन्य-जीवो में हिम बाघ, रीछ, बर्फ का रीछ या भालू, भरल, थार, कस्तूरी मृग आदि और पक्षियों में कोकलास, फिजेंट, मोनाल, पहाड़ी तीतर, हिमालयन स्नोकोक, आदि है । यहां सर्वाधिक कस्तूरी मृग मिलते हैं।
4. सोना नदी वन्य-जीव विहार (Sona River Wildlife Sanctuary)
- स्थापना – 1987
- स्थान – पौड़ी गढ़वाल जनपद
- क्षेत्रफल – 301 वर्ग किलोमीटर
शेर, गुलदार, चीतल, सांभर, काकड़, सियार, जंगली सूअर, मगर, घड़ियाल, अजगर, गोह आदि और पक्षियों में ग्रेट हांर्नबिल, पलास फिशिंग, ईगल, कलीज, हिमालयन पाइड आदि प्रमुख हैं।
5. विनसर वन्य-जीव विहार (Binsar Wildlife Sanctuary)
- स्थापना – 1988
- स्थान – अल्मोड़ा
- क्षेत्रफल – 47 वर्ग किलोमीटर
प्रमुख वन्य-जीव तेंदुआ, काला भालू, घुरल, काकड़, जंगली बिल्ली, जंगली सुअर आदि है । प्रमुख पक्षी मोनाल, हिमालयन स्नोकाँक, गोल्डन ईगल आदि प्रमुख है । वनस्पतियों में मुख्यतः देवदार, बांज, बुराँस, सुरई, चीड़, अंयार आदि है।
6. बिनोग माउंटेन क्लेव वन्य-जीव विहार (Binog Mountain Quail Wildlife Sanctuary)
- स्थान – देहरादून जनपद
- क्षेत्रफल – 11 वर्ग किलोमीटर
प्रमुख वन्य-जीव घुरल, काकड़, लंगूर, बंदर, सुअर, भालू, गुलदार, आदि है । पक्षियों में तीतर, बटेर, चकोर, जंगली मुर्गा आदि है । विलुप्त घोषित माउंटेन क्लेल को अंतिम बार यही देखा गया था । वनस्पतियों में यहां देवदार, कैल, चीड़, बांज, बुराँस आदि हैं।
कंजर्वेशन रिजर्व
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आसन कंजर्वेशन रिजर्व (Asan Conservation Reserve)
- स्थान – देहरादून (Dehradun)
- क्षेत्रफल – 4.44 वर्ग किलोमीटर
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झिलमिल आरक्षित (Jhilmil Reserve)
- स्थापना – 2005
- स्थान – हरिद्वार (Haridwar)
- क्षेत्रफल – 37.83 वर्ग किलोमीटर
उच्च स्तरीय प्रणाली उद्यान
पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान (Pt. Govind Ballabh Pant High Altitude Zoo)
- स्थापना – 1995
- स्थान – नैनीताल (Nainital)
- क्षेत्रफल – 4.693 वर्ग किलोमीटर
जैव सुरक्षित क्षेत्र (Bio-Safe Area)
नंदादेवी जैवमंडली सुरक्षित क्षेत्र (Nandadevi Biosphere Secure Area)
- स्थापना – 1988
- स्थान – पिथौरागढ़, बागेश्वर तथा चमोली
- क्षेत्रफल – 5860.6 वर्ग किलोमीटर
उत्तराखंड विश्व धरोहर उद्यान
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)
- स्थापना – चमोली
- वर्ष – 1988
फूलों की घाटी उद्यान (Valley of Flowers National Park)
- स्थापना – चमोली
- वर्ष – 1982
- विस्तार वर्ष – 2005
पढ़ें उत्तराखंड के वन क्षेत्र, वनों के प्रकार, वन आच्छादित क्षेत्र, वन नीतियाँ और वन सम्बन्धी आन्दोलन।
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