IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट की जगह नए कानून

IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट की जगह नए कानून

IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट की जगह नए कानून : IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट की जगह नए कानून केंद्र सरकार बनाने जा रही है जिसके तहत IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट के नाम बदलने के साथ ही कई धाराओं में भी बदलाव किये जायेंगे। साथ ही राजद्रोह का कानून भी ख़त्म हो जायेगा। सरकार का कहना है कि यह बदलाव इसलिए किये जा रहे हैं ताकि औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आया जा सके और अंग्रेजों के कानून हटा कर भारतीय कानून बनाये जा सकें जिसके तहत किसी को दंड देना नहीं बल्कि न्याय दिलाना उद्देश्य हो।

IPC (Indian Penal Code) जिसे भारतीय दंड सहिंता के नाम से जाना जाता है उसे भारतीय न्याय संहिता, CrPC (Code of Criminal Procedure) को ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और एविडेंस एक्ट को ‘भारतीय साक्ष्य बिल / एक्ट’ करने का विधेयक गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया है। साथ ही वर्ष 2027 से पहले ही देश की सभी अदालतों को कम्प्यूटराइज्ड किया जायेगा।

IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट क्या हैं ?

IPC (Indian Penal Code) जिसे भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाता है यह वह कानूनों की श्रृंखला है जिसके तहत किसी भी गुनाह (क्राइम) को परिभाषित किया जाता है अर्थात किस व्यक्ति द्वारा की गयी किस गतिविधि को जुर्म माना जायेगा। CrPC (Code of Criminal Procedure) के तहत किसी भी गुनाह के बाद उस पर किस तरह से कार्यवाही की जाएगी यह CrPC के अंतर्गत बताया गया है। एविडेंस एक्ट के तहत किसी घटना या जुर्म के पश्चात कैसे साबुत जुटाए जायेंगे इसके बारे में बताया गया है।

IPC को 1860 में लॉर्ड मैकाले द्वारा बनाया गया था जिसे 1862 में लागू किया गया। CrPC को 1898 में और एविडेंस एक्ट को 1872 में बनाया गया था। IPC के अंतर्गत 23 चैप्टर और 511 धाराएं हैं।

नए IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट में क्या नया है ?

नाम बदलने के अलावा भी इनमें कई बदलाव किये गए हैं जो निम्नलिखित हैं –

  • मॉब लिंचिंग के लिए नया कानून बनेगा जिसके तहत मौत की सजा का प्रावधान होगा।
  • राजद्रोह का कानून ख़त्म कर दिया जायेगा।
  • नाबालिक से बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान होगा।
  • 7 साल से ज्यादा की सजा के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए जायेंगे।
  • कोर्ट की सुनवाई के 30 दिन बाद किसी भी सूरत में फैसला सुनाना अनिवार्य होगा।
  • तलाशी और जब्ती के समय वीडियो बनाना अनिवार्य होगा।
  • क्राइम कहीं भी हुआ हो देश के किसी भी कोने से एफ आई आर की जा सकेगी।
  • 90 दिन के अंदर चार्जशीट बनाना अनिवार्य होगा और 180 दिन के अंदर जाँच पूरा करना अनिवार्य होगा।
  • देश छोड़कर भाग जाने वाले अपराधियों की अनुपस्थिति में भी क़ानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी और सजा करार करने का प्रावधान होगा।
  • हैट स्पीच या भड़काऊ भाषण भी अपराध की श्रेणी में शामिल होंगे और इसके तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
  • धार्मिक आयोजन के किसी धर्म, वर्ग एवं श्रेणी के विरुद्ध भड़काऊ बयान देने पर 5 साल की सजा का प्रावधान होगा।

नए IPC में 511 की जगह 356 धाराएं होंगी, 175 धाराओं को बदल दिया गया है और 22 धाराओं को हटाया और 8 धाराओं को जोड़ा गया है।
नए CrPC में 533 धाराएं होंगी, 160 धाराओं को बदल दिया गया है और 9 धाराओं को हटाया और 9 धाराओं को जोड़ा गया है।
नए एविडेंस एक्ट में 167 की जगह 170 धाराएं होंगी, 23 धाराओं को बदल दिया गया है और 5 धाराओं को हटाया और 3 धाराओं को जोड़ा गया है।

IPC, CrPC, और एविडेंस एक्ट की जगह नए कानून

इन बदलावों को लेकर 18 राज्यों, 6 केंद्र शासित प्रदेश, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इसपर काफी चर्चा हुई है और 158 बैठकें आयोजित हुई हैं।

इन तीनों विधेयकों को गृह के सम्बन्धी संसदीय स्थायी समिति को भेज दिया गया है यह समिति इस पर विचार कर अपनी रिपोर्ट संसद को सौंपेगी।