भूस्खलन क्या है, भूस्खलन के कारण और भूस्खलन रोकथाम के उपाय

भूस्खलन क्या है, भूस्खलन के कारण और भूस्खलन रोकथाम के उपाय

भूस्खलन क्या है ? (What is Landslide in hindi), भूस्खलन के कारण (Reasons of Landslide in hindi) और भूस्खलन रोकथाम के उपाय (Landslide prevention measures in hindi) आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

भूस्खलन क्या है ? (What is Landslide in hindi)

भूस्खलन एक प्राकृतिक आपदा या घटना है जिसमें भूमि क्षेत्र का एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर खिसकना या गिरना, पथरीली मिट्टी का बहाव या चट्टान गिरने की घटनाएं शामिल होती हैं। भू-स्खलन से जन-धन दोनों की हानि होती है जिसकी औसत गति 260 फिट प्रति सेकेण्ड होती है। भू-स्खलन गुरुत्वाकर्षण बल, नदियों द्वारा किए जाने वाले कटाव, वनों की कटाई, गलत कृषि प्रणाली आदि कारणों से होता है जिससे मानव व अन्य सभी जीवों को भारी नुकसान होने की सम्भावनाएँ रहती है।

भूस्खलन के कारण  (Reasons of Landslide in hindi) –

अपक्षय या अपरदन (Weathering and erosion)

जिन चट्टानों में खनिज पदार्थ की मात्रा अधिक पाई जाती है उन चट्टानों में अपक्षय या अपरदन की क्रिया अधिक अपनाई जाती है। चट्टानों में अधिक अपक्षय या अपरदन की क्रिया की वजह से उन चट्टानों में जल की मात्रा अधिक हो जाती है और चट्टानों पर धूप पड़ने पर वह सूखने लगती है और नीचे ओर खिसकने लगती है इसके अलावा अपक्षय या अपरदन से भूमि कच्ची पड़ जाती जिससे उसमे भू-स्खलन की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है। चट्टानों में भू-स्खलन का यह प्रमुख कारण है।

गुरुत्वाकर्षण

गुरुत्वाकर्षण के कारण भी भू-स्खलन होने की संभावना रहती है। खड़ी और बड़ी चट्टानों में गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण इन चट्टानों में भू-स्खलन हो जाता है।

वनों का कटाव

वनों के अत्यधिक कटाव भू-स्खलन का एक प्रमुख कारण है। वनों के अत्यधिक कटाव से भूमि धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है जिससे उसमें अचानक या धीरे-धीरे मिट्टी का कटाव होने लगता है जिसे भू-स्खलन कहा जाता है। वृक्षारोपण भू-स्खलन को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है जिस स्थान पर वनों की संख्या अधिक होगी उस स्थान पर भू-स्खलन की संभावनाएं सबसे कम होती है।

भूकंप

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी निश्चित क्षेत्र को आंतरिक रूप से प्रभावित कर देता है यह विवर्तनिक बलों के साथ जुड़ा होता है। भूकंप भू-स्खलन का कारण है क्योंकि भूकंप से होने वाले कंपन से भूमि इतनी कमजोर पड़ जाती है कि उसमे कटाव या अपरदन होने लगता है जिनका विशाल रूप भू-स्खलन कहलाता है। पढ़ें – भूकंप क्या है ? भूकंप के कारण

निर्माण कार्य

मानव अपनी सुविधा के लिए प्रकृति के संसाधनों का दोहन कर रहा है परन्तु इन कार्यों से प्रकृति, अन्य जीवों एवं स्वयं मानव को बहुत हानि हो रही है। मानव अपनी सुविधा के लिए कई निर्माण कार्य कर रहा है जैसे – रेल व सड़क निर्माण जिसके लिए वह भूमि कटान आवश्यक है अतः भूमि के कटान से भूमि कच्ची पड़ जाती है जिसकी वजह से भू-स्खलन की घटना होती है।

ज्वालामुखी विस्फोट

ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण उत्पन्न हुए कंपन से जब निकटवर्ती क्षेत्रों में भूमि नीचे की ओर सरकने या काटने लगती है तो इसे भू-स्खलन कहा जाता है।

जलवायु

भू-स्खलन होने के कारणों में जलवायु जिसमें वर्षा सबसे महत्वपूर्ण कारक है। जिन क्षेत्रों की जलवायु अधिक वर्षा वाली होती है उन क्षेत्रों में अधिक वर्षा होने से भूमिगत संतृप्ति हो जाती है जिससे भूमि में अतिरिक्त जल की मात्रा पाई जाने के कारण वह कमजोर पड़ जाती है। अतः अत्यधिक व भारी वर्षा भी भू-स्खलन का कारण होती है।

अन्य मानवीय हस्तक्षेप

भू-स्खलन का कारण मानव की क्रियाओं जैसे – खनन, उत्खनन एवं तकनीकों का उपयोग आदि के द्वारा होता है। मानवीय हस्तक्षेप में वनों की कटाई, समाशोधन, सड़कों का निर्माण, भूमि परिवर्तन, जलाशयों या बांधों का निर्माण आदि भू-स्खलन के कारण है।

भूस्खलन रोकथाम के उपाय (Landslide prevention measures in hindi) –

  • वृक्षारोपण करना एवं वनों की अत्यधिक कटाई पर रोक लगाना।
  • भूमि के उपयोग के नियमों को मजबूत करके भूमि को कमजोर होने से रोकना।
  • जल निकासी नियंत्रण के उपायों को अपनाना।
  • भूमि महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना और लोगों को शिक्षा प्रदान कराना।
  • तीव्र ढालों की अपेक्षा समतल भूमि में कृषि करना।
  • स्थानांतरित कृषि की अपेक्षा स्थाई और सीढ़ीनुमा कृषि प्रणाली को अपनाना।
  • ज्वालामुखी व भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में वृक्षारोपण करना और खनन व उत्खनन क्रिया न करना।

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