ज्वालामुखी किसे कहते हैं, सक्रिय ज्वालामुखी की लिस्ट

ज्वालामुखी किसे कहते हैं, सक्रिय ज्वालामुखी की लिस्ट

ज्वालामुखी किसे कहते हैं (What is Volcano in Hindi) : ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद वह स्थान होता है जहां से पृथ्वी के भीतर स्थित गर्म चट्टान (जिसे मैग्मा कहा जाता है) वह धरती के सतह तक आता है। जब मैग्मा धरती की सतह पर आता है तब उसे लावा कहा जाता है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के भीतर कई प्रकार के तत्व पाए जाते हैं जैसे गर्म लावा, भस्म, गैस आदि जो सक्रीय ज्वालामुखी के माध्यम से निकलते हैं। वास्तव में यह सभी पृथ्वी की ऊपरी सतह पर एक विभंग होता है जिसके माध्यम से अंदर के पदार्थ निरंतर बाहर निकलते रहते हैं। धरती के विभिन्न क्षेत्रों में ज्वालामुखी के कई प्रकार देखने को मिलते हैं जिसकी गहराई आमतौर पर 30 से 40 मीटर तक होती है और जब इस प्रकार की ज्वालामुखी में तापमान बढ़ता है तो इसके कारण ज्वालामुखी में मौजूद पदार्थ पिघलने लगते हैं और वह सभी पदार्थ भू-तल के कमजोर भागों को तोड़कर बाहर निकल आते हैं जिसे ज्वालामुखी विस्फोट कहा जाता है।

Table of Contents

सक्रिय ज्वालामुखी की लिस्ट (List of Active Volcanoes)

विश्व के प्रमुख सक्रिय ज्वालामुखी की सूची कुछ इस प्रकार है:-

एना ज्वालामुखी (Ana Volcano)

यह इंडोनेशिया के कराकोटा नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 5451 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें वर्ष 1920 में अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

माउंट कैमरून ज्वालामुखी (Mount Cameron Volcano)

माउंट कैमरून ज्वालामुखी मोनार्क नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 278 मीटर है। इस ज्वालामुखी में अंतिम बार वर्ष 1959 को विस्फोट हुआ था जिसके कारण इसे एक सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है।

पोपोकाटेपेट ज्वालामुखी (Popocatepet Volcano)

यह ज्वालामुखी अल्तिप्लानो डे मेक्सिको नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 5451 मीटर है। इस ज्वालामुखी को एक सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है जिसमें अंतिम बार वर्ष 1920 में विस्फोट देखा गया था।

फुएगो ज्वालामुखी (Fuego Volcano)

यह ज्वालामुखी ग्वाटेमाला के सिएरा माद्रे नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 6060 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें अंतिम बार वर्ष 1960 में विस्फोट की क्रिया देखी गई थी।

अगंगु ज्वालामुखी (Agungu Volcano)

यह ज्वालामुखी इंडोनेशिया के बाली नामक द्वीप पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 3140 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें अंतिम बार वर्ष 1964 को विस्फोट हुआ था।

गुआल्लातिरी ज्वालामुखी (Guallatiri Volcano)

यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो चिली के एंडीज़ नामक स्थान में स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 6050 मीटर है जिसमें वर्ष 1960 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

सूरतसे ज्वालामुखी (Suratse Volcano)

सूरतसे ज्वालामुखी आइसलैंड के दक्षिण पूर्वी छोर पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 173 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें अंतिम बार वर्ष 1963 में विस्फोट होते हुए देखा गया था।

लास्कार ज्वालामुखी (Lascar Volcano)

यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो चिली, एंडीज़ में स्थित है। माना जाता है कि इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 5641 मीटर है। इस ज्वालामुखी में अंतिम बार वर्ष 1968 को विस्फोट हुआ था।

तुपुन्गतिती ज्वालामुखी (Tupungatiti Volcano)

यह ज्वालामुखी भी एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो चिली, एंडीज़ में स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 5640 मीटर है जिसमें वर्ष 1964 को अंतिम बार विस्फोट को देखा गया था।

फ्रेबुस ज्वालामुखी (Frebus Volcano)

यह ज्वालामुखी अंटार्टिका के रॉस नामक द्वीप पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 4850 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें अंतिम बार वर्ष 1974 में विस्फोट हुआ था।

क्ल्यूचेव्सकाया ज्वालामुखी (Klyuchevskaya Volcano)

यह ज्वालामुखी यूएसएसआर के श्रेडिनी – खेर्बेट नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 4850 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें वर्ष 1974 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

सेमरू ज्वालामुखी (Semru Volcano)

सेमरू ज्वालामुखी इंडोनेशिया के जावा नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 3670 मीटर है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें वर्ष 1976 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

संगे ज्वालामुखी (Sangay Volcano)

संगे नामक ज्वालामुखी कोलंबिया के इंडीज में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 3676 मीटर है। इस ज्वालामुखी को एक सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है जिसमें वर्ष 1976 में अंतिम बार विस्फोट को देखा गया था।

पुरस ज्वालामुखी (Puras Volcano)

पुरस ज्वालामुखी को एक सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है जिसकी ऊंचाई लगभग 3470 मीटर है। इस ज्वालामुखी में अंतिम बार वर्ष 1977 को विस्फोट हुआ था।

न्यारागोंगो ज्वालामुखी (Nyiragongo Volcano)

यह ज्वालामुखी विरुंगा, ज़ैरे में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 3470 मीटर है। इस ज्वालामुखी में अंतिम बार वर्ष 1977 को विस्फोट देखा गया था।

माउंट एटना ज्वालामुखी (Mount-Etna Volcano)

माउंट एटना नामक ज्वालामुखी इटली के सिसिली नामक स्थान में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 3300 मीटर है। इस ज्वालामुखी को एक सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है जिसमें वर्ष 1979 को विस्फोट होते हुए देखा गया था।

मैदना लोया ज्वालामुखी (Maidan Loya Volcano)

यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो कोलंबिया के एंडीज नामक स्थान में स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 4590 मीटर है जिसमें वर्ष 1977 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

माउंट मज़ामा ज्वालामुखी (Mount Mazama Volcano)

माउंट मजामा ज्वालामुखी फिलीपींस के लुजोन नामक क्षेत्र में स्थित है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसमें वर्ष 1991 एवं 1993 को अंतिम बार विस्फोट होते हुए देखा गया था। माना जाता है कि इस ज्वालामुखी की ऊंचाई मूल रूप से 3700 मीटर थी। परंतु वर्ष 1993 के विस्फोट के बाद इस ज्वालामुखी की ऊंचाई घटकर 2486 मीटर हो गई।

नवादो डेल रुइज़ ज्वालामुखी (Navado del Ruiz Volcano)

यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो कोलंबिया के एंडीज नामक स्थान में स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 5400 मीटर है जिसमें वर्ष 1985 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

ओजोस डेल सलादो ज्वालामुखी (Ojos Del Salado Volcano)

इस ज्वालामुखी को सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है जो एंडीज, अर्जेंटीना – चिली नामक क्षेत्र में स्थित है। माना जाता है कि इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 6880 मीटर है जिसमें वर्ष 1981 को अंतिम बार विस्फोट हुआ था।

सक्रिय ज्वालामुखी के उदाहरण (Examples of Active Volcanoes)

सक्रियता के आधार पर ज्वालामुखी के तीन उदाहरण माने जाते हैं:-

  • सक्रिय या जाग्रत ज्वालामुखी
  • प्रसुप्त या सुप्त ज्वालामुखी
  • मृत ज्वालामुखी

सक्रिया या जाग्रत ज्वालामुखी (Active or Awake Volcano)

भू-वैज्ञानिकों के अनुसार यदि किसी ज्वालामुखी में वर्तमान समय में विस्फोट होने की आशंका हो या उसमें गैस का रिसाव, धुआ निकलने यह भूकंप आने जैसी संभावनाएं हो तो इस स्थिति में उस ज्वालामुखी को सक्रिय या जाग्रत ज्वालामुखी कहा जाता है। माना जाता है कि इस प्रकार की ज्वालामुखी में सामान्यता विस्फोट एवं उद्भेदन की क्रिया संभावनाएं अधिक होती है।

प्रसुप्त या सुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)

प्रसुप्त या सुप्त ज्वालामुखी वह ज्वालामुखी होती है जिसमें बीते कई दशकों में कभी एक बार भी विस्फोट की क्रिया हो चुकी हो। इस प्रकार की ज्वालामुखी को मृत ना मानकर सुप्त माना जाता है जिसमें एक बार विस्फोट होने के बाद कई हजार वर्षों तक उसमें कोई भी विस्फोट नहीं होता है। वर्तमान समय में पृथ्वी पर कई ज्वालामुखी मौजूद है जिनमें बीते कई हजार वर्षों पहले विस्फोट हुआ है परंतु उसके बाद उस ज्वालामुखी में किसी भी प्रकार की कोई भी हलचल को नहीं देखा गया है।

मृत ज्वालामुखी (Dead Volcano)

मृत ज्वालामुखी उस ज्वालामुखी को कहा जाता है जिनमें भू-वैज्ञानिकों के अपेक्षा में कभी भी विस्फोट नहीं होता है। दरअसल, वैज्ञानिकों के अनुसार यह अनुमान लगाया जाता है कि मृत ज्वालामुखी के अंदर किसी भी प्रकार का लावा व मैग्मा नहीं पाया जाता है जिसके कारण उस ज्वालामुखी में विस्फोट करने के लिए पर्याप्त ऊष्मा व सामग्री नहीं पाई जाती है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यदि किसी ज्वालामुखी में पूर्व के समय में कोई विस्फोट हुआ हो तो उस ज्वालामुखी को सक्रिय ज्वालामुखी कहा जाता है परंतु मृत ज्वालामुखी में इस प्रकार की कोई भी क्रिया संभव नहीं होती है।

दुनिया में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी (विश्व के सक्रिय ज्वालामुखी) (Most Active Volcanoes in the World – Active volcanoes of the World)

दुनिया की सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी कुछ इस प्रकार है:-

कोलिमा ज्वालामुखी (Colima Volcano)

यह ज्वालामुखी दुनिया के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी उनमें से एक मानी जाती है जो मेक्सिको में स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 3280 मीटर है। कहा जाता है कि कोलिमा ज्वालामुखी से समय-समय पर हानिकारक गैसों का रिसाव होता रहता है। यह ज्वालामुखी कोलीमा एवं जलिस्को की सीमाओं पर स्थित है। कुछ आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में इस ज्वालामुखी से लगातार राख एवं धुंआ निकलने लगा था जिसके कारण वहां के आसपास के सभी आबादी वाले क्षेत्रों को जल्द ही खाली करा दिया गया था।

पोपोकेटपेटल ज्वालामुखी (Popocatepetl Volcano)

यह ज्वालामुखी उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के मेक्सिको नामक देश में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 5450 मीटर है। इस ज्वालामुखी को विश्व की सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार यह ज्वालामुखी वर्ष 1994 के बाद और अधिक सक्रिय हो गया था जिससे समय-समय पर लगातार राख एवं लावा निकलते रहता है। कुछ आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में इस ज्वालामुखी से निकलने वाले हानिकारक गैस एवं धुआं हवा में काफी ऊपर तक ऊपर उठे थे जिसके बाद प्रभावित क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था।

ग्लैरस ज्वालामुखी (Glarus Volcano)

यह ज्वालामुखी कोलंबिया के नरीनो नामक स्थान में स्थित है जिसकी गिनती विश्व की सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी में होती है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 4270 मीटर है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लैरस ज्वालामुखी में समय-समय पर छोटे-मोटे विस्फोट होते रहते हैं जिनसे निरंतर राख एवं धुआं निकलते रहता है। कुछ आंकड़ों की माने तो वर्ष 1993 में इस ज्वालामुखी में हुए विस्फोट के कारण वैज्ञानिकों के एक समूह एवं कुछ पर्यटकों की मृत्यु हो गई थी जो ज्वालामुखी क्रेटर के भीतर मौजूद थे।

तुरीआल्बा ज्वालामुखी (Turrialba Volcano)

इस ज्वालामुखी को विश्व की सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है। यह ज्वालामुखी कोस्टा रिका स्थान के बीच में स्थित है जो कैलिफोर्निया के नामक नगर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि बीते कई दशकों में इस ज्वालामुखी में कई बार विशाल विस्फोट हुए थे जिसके बाद से ही इसमें से राख एवं धुंए के साथ-साथ गरम पदार्थों का उत्सर्जन लगातार होते रहता है। वर्ष 2016 में तुरीआल्बा ज्वालामुखी में एक भयंकर विस्फोट हुआ था जिसके बाद आसपास के क्षेत्रों में राख के गहरे बादल छा गए थे। इस घटना के बाद भू-वैज्ञानिकों ने इस ज्वालामुखी को विश्व की सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी की श्रेणी में रखा था।

तुगुराहुआ ज्वालामुखी (Tugurahua Volcano)

यह ज्वालामुखी इक्वाडोर की राजधानी क्विटो के दक्षिणी छोर से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 5000 मीटर है। यह विश्व की सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक मानी जाती है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 1999 में यह ज्वालामुखी अधिक सक्रिय हो गई थी जिसके बाद से इसकी निरंतर निगरानी की जाती है।

नेवादो देल रुइज ज्वालामुखी (Nevado del Ruiz Volcano)

यह ज्वालामुखी कोलंबिया की दूसरी सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी मानी जाती है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार इस ज्वालामुखी से निरंतर राख एवं धुआं उत्सर्जित होते रहता है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 5360 मीटर है। कहा जाता है कि वर्ष 1985 में इस ज्वालामुखी में भयंकर विस्फोट हुआ था जिसके कारण देश के लगभग 25 हज़ार लोगों की मृत्यु हुई थी। इस विस्फोट को इतिहास के सबसे भयानक विस्फोटों में से एक माना जाता है।

कोटोपोक्सी ज्वालामुखी (Cotopaxi Volcano)

यह ज्वालामुखी कोटोपोक्सी, क्विटो से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 5900 मीटर है। इस ज्वालामुखी को विश्व की सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी में से एक माना जाता है। कुछ आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1887 में इसमें तीव्र गति से विस्फोट हुआ था जिससे भारी मात्रा में राख एवं धुआं उत्सर्जित हुआ था। इस घटना के बाद वर्ष 2015 में इस ज्वालामुखी से राख के घने बादल उत्सर्जित हुए थे जिसके बाद पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था एवं भू-वैज्ञानिकों द्वारा इस ज्वालामुखी की लगातार निगरानी भी की जाने लगी थी।

विलरिका ज्वालामुखी (Villarica Volcano)

विलरिका ज्वालामुखी विश्व के सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है। माना जाता है कि वर्तमान समय में चिली में 90 से भी अधिक सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद है जिसमें से इस ज्वालामुखी को सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है। इस ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 1850 मीटर है। कहा जाता है कि वर्ष 2015 में इस ज्वालामुखी में भयंकर विस्फोट हुआ था जिसके कारण इस ज्वालामुखी से तीव्र गति से लावा निकला था और इस घटना के तुरंत बाद ही देश की सरकार द्वारा देश में अलर्ट जारी कर दिया गया था।

कलब्यूको ज्वालामुखी (Calbuco Volcano)

यह ज्वालामुखी चिली में स्थित है जिसमें वर्ष 2015 में अंतिम बार विस्फोट होते हुए देखा गया था। इस विस्फोट की गति सामान्य ज्वालामुखी विस्फोट से कई गुना अधिक थी जिसके कारण देश की सरकार को रेड अलर्ट जारी करना पड़ा था एवं आसपास के सभी प्रभावी क्षेत्रों से लगभग चार हज़ार लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा था। माना जाता है कि भू-वैज्ञानिकों को वर्ष 2015 से पूर्व इस ज्वालामुखी में किसी भी प्रकार की हलचल की उम्मीद नहीं थी परंतु लगभग चार दशक बाद ही इस ज्वालामुखी में एक भयंकर विस्फोट हुआ था।

उबिनस ज्वालामुखी (Ubinas Volcano)

यह ज्वालामुखी पेरू में स्थित है जिसकी गिनती विश्व के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी में होती है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2006 एवं 2009 के मध्य इस ज्वालामुखी की सक्रियता में वृद्धि हुई थी जिसके कारण वातावरण में जहरीली गैस एवं राख फैल गए थे। कहा जाता है कि इस ज्वालामुखी के आसपास घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं जिसके बाद सरकार ने इस ज्वालामुखी की निरंतर निगरानी करनी शुरू कर दी थी।

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