राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत क्या हैं : राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर (राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है, राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में क्या अंतर है), राष्ट्रगान में कितनी नदियां हैं?, राष्ट्रगान में कितने राज्यों के नाम है आदि महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं।
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राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत
राष्ट्रगान क्या है
राष्ट्रगान एक संगीतमय धुन है जिसे राष्ट्र के सम्मान में गाया जाता है। यह देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी रचना है जो देश की सभ्यता, संस्कृति एवं इतिहास की व्याख्या करती है। राष्ट्रगान को सभी राष्ट्रीय अवसर पर अनिवार्य रूप से गाया जाता है। इसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। राष्ट्रगान की रचना प्रसिद्ध कवि रविंद्र नाथ टैगोर ने वर्ष 1911 में बांग्ला भाषा में की थी जिसका बाद में हिंदी में अनुवाद भी किया गया था। भारत में राष्ट्रगान को सर्वप्रथम 27 दिसंबर वर्ष 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। प्रत्येक राष्ट्र के राष्ट्रगान से राष्ट्रभक्ति की भावना व्यक्त होती है। राष्ट्रगान के संपूर्ण संस्करण को गाए जाने में केवल 52 सेकंड का समय लगता है। राष्ट्रगान को 24 जनवरी वर्ष 1950 में संविधान सभा ने संविधानिक स्वीकृति प्रदान की थी।
भारत का राष्ट्रगान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशीष मांगे
गाहे तव जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।
राष्ट्रगान के रचयिता कौन थे
भारतीय राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की रचना रविंद्र नाथ टैगोर ने वर्ष 1911 में की थी। इन्होंने राष्ट्रगान की रचना बंगाली भाषा में की थी जिसे संविधान सभा ने हिंदी संस्करण के रूप में अपनाया था। रविंद्र नाथ टैगोर ने भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की भी रचना की थी। इसके अलावा श्रीलंका के राष्ट्रगान ‘श्रीलंका मथा’ भी मुख्य रूप से रविंद्र नाथ टैगोर की रचना से ही प्रेरित है। रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने जीवन काल में कई प्रसिद्ध रचनाएं की थी। उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ कवियों की श्रेणी में गिना जाता है। रविंद्र नाथ टैगोर ने गीतांजलि, कवि काहिनी, भग्न हृदय, प्रभात संगीत, संध्या संगीत, छबि ओ गान आदि जैसी लोकप्रिय रचनाएं की थी। गीतांजलि के प्रकाशन के एक साल बाद सन् 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रगीत क्या है
भारतीय राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने वर्ष 1882 में की थी। राष्ट्रगीत को सर्वप्रथम वर्ष 1896 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। बंकिम चंद्र चटर्जी ने राष्ट्रीय गीत की रचना संस्कृत भाषा में की थी। यह स्वतंत्रता आंदोलन ने क्रांतिकारियों के लिए एक बड़ा प्रेरणा का स्रोत माना जाता था। राष्ट्रगीत को गाने में 65 सेकंड (1 मिनट और 5 सेकंड) का समय लगता है।
भारत का राष्ट्रगीत
राष्ट्रगीत के रचयिता कौन थे
भारतीय राष्ट्रीय गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी हैं। यह भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार, पत्रकार एवं गद्यकार थे। इन्होंने राष्ट्रीय गीत की रचना भारत की आजादी से पूर्व की थी। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने राष्ट्रगीत की रचना वर्ष 1876 में की थी। गौरतलब है कि स्वाधीनता संग्राम में राष्ट्रीय गीत की निर्णायक भागीदारी होने के बावजूद भी संविधान सभा ने रविंद्रनाथ टैगोर के द्वारा लिखे गए ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान को अधिक वरीयता दी। राष्ट्रगीत को 24 जनवरी वर्ष 1950 में भारत के संविधान द्वारा राष्ट्रगीत के रूप में स्वीकृति दी गई थी।
राष्ट्रगान में कितनी नदियां हैं?
राष्ट्रगान में मुख्य रूप से दो ही नदियों के नाम आते हैं पहला यमुना एवं दूसरा गंगा।
राष्ट्रगान में कितने राज्यों के नाम हैं
भारत के राष्ट्रगान में मुख्य रूप से 7 राज्यों का उल्लेख किया गया है। पंजाब, सिंधु (वर्तमान में पाकिस्तान का एक राज्य), गुजरात, मराठा (महाराष्ट्र), द्राविड़ (दक्षिण भारत), उत्कल (वर्तमान में कलिंग) एवं बंग (बंगाल)।
राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर ( difference between National Anthem and National Song in hindi )
राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में निम्नलिखित अंतर है:-
- राष्ट्रगान को रवींद्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ से लिया गया है जबकि राष्ट्रगीत को बंकिम चंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ से लिया गया है।
- राष्ट्रगान को सर्वप्रथम वर्ष 1911 में कोलकाता के एक कार्यक्रम में गाया गया था जिसका नेतृत्व भारतीय कांग्रेस पार्टी के द्वारा किया गया था जबकि राष्ट्रगीत को सर्वप्रथम 1896 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था।
- राष्ट्रगान का उच्चारण करते समय सभी नागरिकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह राष्ट्रगान को ना दोहराएं जबकि राष्ट्रगीत को लेकर कोई विशेष कानून या नियम नहीं है इसे किसी भी प्रकार से गाया जा सकता है।
- राष्ट्रगान को विशेष रूप से संविधान सभा या खुले आसमान के नीचे गाया जाने का प्रावधान है परंतु राष्ट्रगीत को किसी विशेष नियम का पालन करते हुए भी गाया जा सकता है।
- राष्ट्रगान को गलत तरीके से गाए जाने या नियमों का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान किया गया है परंतु राष्ट्रगीत को गाए जाने के लिए किसी नियम का पालन करना अनिवार्य नहीं है।
- राष्ट्रगान को मुख्य रूप से प्रत्येक राष्ट्रीय उत्सव या अवसरों पर गाना अनिवार्य किया गया है परंतु राष्ट्रगीत को हर राष्ट्रीय अवसर पर गाना अनिवार्य नहीं है।
- ‘जन गण मन’ को 24 जनवरी वर्ष 1950 में भारतीय संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया था जबकि इसी दिन भारतीय संविधान सभा ने वंदे मातरम को भी राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था।