41. निम्नलिखित में से किसने प्रसिद्ध पुस्तक ‘पावर्स ऑफ द माइंड’ लिखी है ?
(A) महात्मा गांधी
(B) स्वामी विवेकानंद
(C) गुलज़ार
(D) रबींद्रनाथ टैगोर
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निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (प्र. 42 से 46) के उत्तर दीजिए।
ज्ञान राशि के संचित कोश को ही साहित्य कहा जाता है । साहित्य जहाँ समाज को प्रभावित करता है, वहीं वह समाज से प्रभावित भी होता है । व्यक्ति समाज और साहित्य दोनों की रचना करता है । साहित्य से ही हमें अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलती है। प्रत्येक युग का साहित्य अपने युग के प्रगतिशील विचारों द्वारा किसी न किसी रूप में अवश्य प्रभावित होता है। साहित्य हमारी कौतूहल एवं जिज्ञासा वृत्तियों और ज्ञान की पिपासा को तृप्त करता है । साहित्य से ही किसी राष्ट्र का इतिहास, गरिमा, संस्कृति और सभ्यता, वहाँ के पूर्वजों के विचारों एवं अनुसंधानों, प्राचीन रीति-रिवाजों, रहन-सहन और परंपराओं आदि की जानकारी प्राप्त होती है । किस काल में देश के किस भाग में कौन सी भाषा बोली जाती थी, उस समय की वेशभूषा क्या थी, रहन-सहन कैसा था, सामाजिक और धार्मिक विचार कैसे थे, यह सब कुछ उस समय के साहित्य अध्ययन से ज्ञात होता है।
साहित्य समाज का दर्पण है – इससे अभिप्राय यही है कि साहित्य समाज का न केवल चित्र प्रस्तुत करता है, अपितु समाज के प्रति वह अपना दायित्व निर्वाह भी करता है। समाज में फैली अनैतिकता, अराजकता, निरंकुशता जैसे अवांछनीय तत्त्वों के दुष्प्रभावों को साहित्य बड़े ही मर्मस्पर्शी रूप में हमारे समक्ष लाता है । हिंदी साहित्य की आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक रचित प्रायः सभी रचनाओं द्वारा तत्कालीन समाज की परिस्थिति, विचार व कार्य व्यापार की पूरी जानकारी प्राप्त होती है। यह भी सही है कि यदि साहित्य वास्तव में केवल समाज का दर्पण होता, तो कवि या साहित्यकार समाज की विसंगतियों या विडंबनाओं पर प्रहार नहीं करता और उसे अपेक्षित दिशा बोध देने के लिए भी प्रयत्नशील नहीं रहता । समाज के प्रति साहित्यकार का दायित्व आशा का संचार करना, उत्साह व कर्तव्यबोध को दिशा देना आदि है । प्राचीन काल से लेकर आज तक के साहित्यकारों की यही गौरवशाली परंपरा रही है कि समाज की रूपरेखा को कल्याणकारी व सुखद मार्ग द्वारा प्रस्तुत करने से सत्साहित्य का रचनाकार कभी पीछे नहीं हटता है । साहित्य में वह शक्ति है जो तोप तथा तलवारों में भी नहीं होती।
42. साहित्य अपने दायित्व का निर्वाह किस प्रकार पूरा करता है ?
(A) दर्पण के माध्यम से
(B) दुष्प्रभावों को सामने लाकर
(C) पूरी जानकारी देकर
(D) इतिहास बताकर
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43. साहित्यकार समाज के प्रति अपने उद्देश्य को कैसे परिपूर्ण करता है ?
(A) साहित्यकार समाज में अपनी कृतियों द्वारा आशा का संचार करता है और उत्साह एवं कर्तव्यवाद का संदेश देता है।
(B) साहित्यकार तोपों और तलवारों की शक्ति का प्रयोग करता है।
(C) साहित्यकार समाज की रूपरेखा को कल्याणकारी व सुखद मार्ग द्वारा प्रस्तुत करने से सदा पीछे ही रहता है।
(D) इनमें से कोई नहीं
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44. साहित्य हमें किस तरह से पुरानी पीढ़ियों की जानकारी देता है ?
(A) साहित्य समाज का दर्पण होता है, इसलिए साहित्य द्वारा पुराने समाज की बुराइयों का परिचय प्राप्त होता है।
(B) राष्ट्र का इतिहास, गरिमा, संस्कृति-सभ्यता, पूर्वजों के विचार, अनुसंधान आदि तत्कालीन साहित्य द्वारा ही जाने जा सकते हैं।
(C) साहित्य समाज का दर्पण मात्र नहीं है, अतएव साहित्य द्वारा राष्ट्र का इतिहास, गरिमा, संस्कृति-सभ्यता, पूर्वजों के विचार, अनुसंधान आदि नहीं जाने जा सकते।
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45. साहित्य केवल समाज का दर्पण क्यों नहीं है ?
(A) क्योंकि साहित्य द्वारा समाज की विडंबनाओं और विसंगतियों पर प्रहार करके उनमें सुधार लाने की कोशिश की जाती है।
(B) क्योंकि साहित्यकार केवल समाज की विडंबनाओं और विसंगतियों को दर्शाता है।
(C) क्योंकि साहित्य समाज की प्राचीन परंपराओं से जुड़कर अंधविश्वास जैसे क्षणों को स्वीकार करना सिखाता है।
(D) क्योंकि साहित्य समाज में फैली अनैतिकता, अराजकता, निरंकुशता जैसे अवांछनीय तत्त्वों के दुष्प्रभावों को हमसे छिपाता है।
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46. प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उचित शीर्षक क्या हो सकता है ?
(A) साहित्य और समाज
(B) समाज
(C) साहित्य और शिक्षा
(D) साहित्य का भविष्य
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निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों (प्र. 47 से 51) के उत्तर दीजिए।
सत्य की आराधना भक्ति है और भक्ति “सिर हथेली पर लेकर चलने का सौदा” है, अथवा वह ‘हरि का मार्ग’ है, जिसमें कायरता की गुंजाइश नहीं है, जिसमें हार नाम की कोई चीज है ही नहीं । वह तो ‘मर कर जीने का मंत्र’ है । सब बालक, बड़े, स्त्री, पुरुष चलते-फिरते, उठते-बैठते, खाते-पीते, खेलते-कूदते सारे काम करते हुए यह रटन लगाए रहें और ऐसा करते-करते निर्दोष निद्रा लिया करें तो कितना अच्छा हो । यह सत्य रूपी परमेश्वर मेरे लिए रत्न-चिन्तामणि सिद्ध हुआ है । हम सभी के लिए वैसा ही सिद्ध हो । सत्य और अहिंसा का मार्ग जितना सीधा है उतना ही तंग भी, “असि की धार पर चलने के समान” है । नट जिस डोर पर सावधानी से नजर रख कर चल सकता है, सत्य और अहिंसा की डोर उससे भी पतली है । ज़रा चूके कि नीचे गिरे । पल-पल साधना से ही उसके दर्शन होते हैं । लेकिन सत्य के सम्पूर्ण दर्शन तो इस देह से असंभव है। उसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है क्षणभंगुर देह द्वारा शाश्वत धर्म का साक्षात्कार सम्भव नहीं होता। अतः अंत में श्रद्धा के उपयोग की आवश्यकता तो रह ही जाती है। इसी से अहिंसा जिज्ञासु के पल्ले पड़ी । जिज्ञासु के सामने यह सवाल पैदा हुआ कि अपने मार्ग में आने वाले संकटों को सहे या उसके निमित्त जो नाश करना पड़े, वह करता जाए और आगे बढ़े । उसने देखा कि नाश करते चलने पर वह आगे नहीं बढ़ता, दर-का-दर पर ही रह जाता है। संकट सहकर आगे तो बनता है लेकिन पहले ही नाश में उसने देखा कि जिस सत्य की उसे तलाश है वह बाहर नहीं है, बल्कि भीतर है। इसीलिए जैसे-जैसे नाश करता,जाता है वैसे-वैसे वह पीछे रहता जाता है और सत्य दूर हटता जाता ।
47. गद्यांश में “चिरस्थाई” शब्द का कौन सा विलोम शब्द प्रयुक्त हुआ है ?
(A) निमित्त
(B) शाश्वत
(C) श्रद्धा
(D) क्षणभंगुर
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48. सत्य की तलाश कैसे की जानी चाहिए ?
(A) सोते-जागते समय राम-नाम का सुमिरण करते रहें।
(B) सत्य की तलाश इस शरीर द्वारा असंभव है।
(C) श्रद्धापूर्वक अंतःविद्यमान सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए इस सत्य का साक्षात्कार करें।
(D) इनमें से कोई नहीं
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49. जिज्ञासु को सत्य व अहिंसा के पथ पर चलते समय संकटों का सामना कैसे करना चाहिए ?
(A) संकटों को सहते हुए निमित्त नाश किये बिना आगे बढ़ना चाहिए।
(B) संकटों के निमित्त को नाश करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
(C) असत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
(D) सत्य और अहिंसा के मार्ग पर नहीं चलना चाहिए, क्योंकि वह मार्ग बहुत तंग है।
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50. सत्य और अहिंसा के मार्ग को ‘असि की धार पर – चलने के समान’ क्यों बताया गया है ?
(A) क्योंकि सत्य और अहिंसा का मार्ग जितना सीधा है उतना ही तंग है और इस मार्ग पर चलना अत्यंत कठिन है।
(B) क्योंकि वह हरि का मार्ग है।
(C) सत्य और अहिंसा की डोर पर चलना सीधा और सरल है।
(D) सभी उत्तर ठीक हैं।
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51. सत्यरूपी परमेश्वर की रत्न-चिंतामणि को प्राप्त करने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?
(A) सत्य की आराधना करें।
(B) हरि के मार्ग पर चलें।
(C) अन्तर्निहित सत्य का साक्षात्कार करें।
(D) ये सभी
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प्रश्न सं. 52 से 56 : निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें।
52. इस अवधि के दौरान कंपनी को प्रति वर्ष ब्याज की औसत राशि कितनी चुकानी पड़ी ?
(A) ₹26.66 लाख
(B) ₹22.42 लाख
(C) ₹28.82 लाख
(D) ₹30.12 लाख
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53. दी गई अवधि के दौरान कंपनी द्वारा भुगतान की गई बोनस की कुल राशि, इस अवधि के दौरान भुगतान की गई वेतन की कुल राशि का लगभग कितना प्रतिशत है ?
(A) 0.3%
(B) 0.1%
(C) 0.6%
(D) 1.5%
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54. 2011 में इन सभी मदों पर कुल व्यय, 2015 में कुल व्यय का लगभग कितना प्रतिशत था ?
(A) 70.33%
(B) 68.33%
(C) 72.67%
(D) 75.75%
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55. सभी वर्षों के लिए करों पर कुल व्यय और सभी वर्षों के लिए ईंधन और परिवहन पर कुल व्यय के बीच का अनुपात क्रमशः लगभग ______ है।
(A) 109 : 151
(B) 4 : 7
(C) 15 : 18
(D) 105 : 108
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56. वर्ष 2013 के दौरान इन मदों पर कंपनी का कुल व्यय कितना है ?
(A) ₹ 586.02 लाख
(B) ₹ 500.4 लाख
(C) ₹ 738.44 लाख
(D) ₹582.08 लाख
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प्रश्न सं. 57 से 61 : एक व्यक्ति ने एक दिन में पाँच कारें खरीदीं और 10 दिनों के लिए किराए पर रखीं । तालिका को – पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर ध्यानपूर्वक दें । (कार के स्टैंडिंग टाइम (खड़े होने के समय) को ध्यान में नहीं रखा जाता है।)
57. 10 दिनों के दौरान ऑल्टो और टियागो की औसत गति का अनुपात क्या था ?
(A) 11 : 10
(B) 10:11
(C) 5 : 6
(D) 25 : 36
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58. ऑल्टो और क्विड दिए गए 10 दिनों के दौरान अपनी औसत गति की समान गति से एक-दूसरे की ओर यात्रा कर रहे हैं । मिलने के बाद, वे एकदूसरे के शुरुआती बिंदु की ओर यात्रा करते हैं । यदि शुरू में दोनों कारों के बीच की दूरी 2300 कि.मी. है, तो ऑल्टो और क्विड द्वारा एक-दूसरे से मिलने के बाद अपने गंतव्य तक पहुँचने में लगने वाले समय का अंतर ज्ञात कीजिए।
(A) 22 घंटे
(B) 12 घंटे
(C) 0 घंटा
(D) इनमें से कोई नहीं
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59. दिए गए 10 दिनों के दौरान कार मिनी द्वारा उसकी औसत गति से 875 कि.मी. की यात्रा करने में लिए गए समय का दिए गए 10 दिनों के दौरान कार स्विफ्ट 150 द्वारा उसकी औसत गति से 990 कि.मी. की यात्रा करने में लिए गए समय से अनुपात ज्ञात कीजिए।
(A) 7 : 9
(B) 44 : 47
(C) 56 : 99
(D) इनमें से कोई नहीं
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60. 10 दिनों के दौरान टियागो और मिनी द्वारा तय के गई कुल दूरी का अनुपात कितना था ?
(A) 18 : 25
(B) 9 : 25
(C) 18 : 5
(D) 9 : 5
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Nice question paper thik hai
Good very very
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