आर के नारायण (अंग्रेज़ी: R. K. Narayan) का जन्म 10 अक्टूबर, 1906 ई. को भारत के तमिनाडु राज्य के मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में हुआ था। आर. के. नारायण (अंग्रेज़ी: R. K. Narayan) का पूरा नाम ‘रासीपुरम कृष्णास्वामी नारायणस्वामी’ है। आर. के. नारायण अपने समय के अंग्रेज़ी भाषा में रचनाएँ लिखने वाले उत्कृष्ट भारतीय लेखकों में से एक थे।
नारायण के पिता एक तमिल अध्यापक थे, उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय कर्णाटक के मैसूर में बिताया था। नारायण का पालन पोषण उनकी दादी द्वारा किया गया। नारायण ने 1930 में अपनी शिक्षा पूरी की, उसके बाद नारायण ने अपने पिता की भांति ही एक अध्यापक का कार्य किया जोकि इन्होने बहुत थोड़े से समय के लिए किया। नारायण ने पत्रकार के रूप में भी कार्य किया था। इसके बाद नारायण ने अपना पूर्ण जीवन लेखन कार्य में ही लगाया।
नारायण का पहला उपन्यास स्वामी और उसके दोस्त (स्वामी एंड फ्रेंड्स) 1935 ई॰ में प्रकाशित हुआ था।
नारायण ने एक काल्पनिक शहर मालगुडी को आधार बनाकर ही अपनी अनेक रचनाएँ की हैं। मालगुडी को प्रायः दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता है; परंतु स्वयं लेखक के कथनानुसार “अगर मैं कहूँ कि मालगुडी दक्षिण भारत में एक कस्बा है तो यह भी अधूरी सच्चाई होगी, क्योंकि मालगुडी के लक्षण दुनिया में हर जगह मिल जाएँगे।
आर. के. नारायण
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पूरा नाम | रासीपुरम कृष्णास्वामी नारायणस्वामी |
जन्म | 10 अक्टूबर, 1906 |
जन्म भूमि | मद्रास (वर्तमान चेन्नई) |
मृत्यु | 13 मई, 2001 |
मृत्यु स्थान | चेन्नई |
कर्म भूमि | शिक्षक, लेखक |
मुख्य रचनाएँ | स्वामी एण्ड फ़्रेंड्स, द इंग्लिश टीचर (1945), वेटिंग फ़ॉर द महात्मा (1955), द गाइड (1958), द मैन ईटर आफ़ मालगुडी (1961), द वेंडर ऑफ़ स्वीट्स (1967), और अ टाइगर फ़ॉर मालगुडी, लॉली रोड (1956), अ हॉर्स एण्ड गोट्स एण्ड अदर स्टोरीज़ (1970) तथा अन्डर द बैनियन ट्री एण्ड अद स्टोरीज़ (1985)। |
विषय | उपन्यास, कहानियाँ |
भाषा | अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, पद्म विभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार, ए. सी. बेसन पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
नारायण द्वारा रचित ‘स्नातक’ (द बैचलर ऑफ आर्ट्स) 1935 ई० में प्रकाशित हुआ था। यह एक संवेदनशील युवक चंदन की कहानी है जो उसके शिक्षा द्वारा प्राप्त प्रेम एवं विवाह संबंधी पश्चिमी विचारों तथा जिस सामाजिक ढांचे में वह रहता है के बीच के द्वंद्व को प्रस्तुत करता है।
आर. के. नारायण का निधन 13 मई, 2001 को चेन्नई, भारत में हुआ था।
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आर. के. नारायण की प्रसिद्ध कृतियाँ
आर. के. नारायण की प्रसिद्ध कृतियाँ निम्नलिखित हैं:-
- द इंग्लिश टीचर (1945)
- वेटिंग फ़ॉर द महात्मा (1955)
- द गाइड (1958)
- द मैन ईटर आफ़ मालगुडी (1961)
- द वेंडर ऑफ़ स्वीट्स (1967)
- अ टाइगर फ़ॉर मालगुडी (1983)
आर. के. नारायण की प्रसिद्ध कहानियाँ
आर. के. नारायण की की प्रसिद्ध कहानियाँ निम्नलिखित हैं:-
- लॉली रोड (1956)
- अ हॉर्स एण्ड गोट्स एण्ड अदर स्टोरीज़ (1970)
- अन्डर द बैनियन ट्री एण्ड अद स्टोरीज़ (1985)
सम्मान
- आर.के. नारायण को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1964 में ‘पद्म भूषण’ और वर्ष 2000 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया।
- नारायण के द्वारा रचित उपन्यास ‘गाइड’ के लिये उन्हें सन् 1960 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- आर.के. नारायण को ‘रॉयल सोसायटी ऑफ़ लिटरेचर’ द्वारा वर्ष 1980 में ‘ए. सी. बेसन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- आर.के. नारायण रॉयल सोसायटी ऑफ़ लिटरेचर के फ़ेलो और अमेरिकन अकैडमी ऑफ़ आटर्स एण्ड लैटर्स’ के मानद सदस्य भी रहे हैं।