आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain) क्या है एवं खाद्य श्रृंखला के प्रकार

आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain) क्या है एवं खाद्य श्रृंखला के प्रकार

आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain) क्या है एवं खाद्य श्रृंखला के प्रकार, आहार जाल किसे कहते हैं और आहार जाल का निर्माण कैसे होता है (What is a food chain in hindi / food chain notes in hindi) आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain)

आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain) – आहार श्रृंखला या खाद्य श्रृंखला (food chain) विभिन्न प्रकार के जीवों का वह क्रम होता है जिसमें जीव जन्तु भोज्य अर्थात भोजन और भक्षक अर्थात भोजन को खाने वाले के रूप में सम्बंधित होते हैं। आहार श्रृंखला में रासायनिक एवं ऊर्जा उत्पादक, उपभोक्ता एवं अपघटनकर्ता द्वारा निर्जीव पर्यावरण में प्रवेश कर फिर से चक्रीकरण द्वारा जैविक घटकों में प्रवेश कर जाती है।

खाद्य श्रृंखला का चित्र
खाद्य श्रृंखला का चित्र

खाद्य श्रृंखला के प्रकार (types of food chain in hindi)

सभी प्रकार के पारितंत्रों में दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएँ होती हैं-

  1. चारण खाद्य श्रृंखला (Grazing food chain) – चारण खाद्य श्रंखला में प्राथमिक उत्पादक से लेकर शाकाहारी, शाकाहारी जीवों से लेकर मांसाहारी एवं मांसाहारी से लेकर सर्वोच्च मांसाहारी तक खाद्य श्रृंखला का विस्तार होता है।
  2. अपरदन खाद्य श्रृंखला (Detritus food chain) – अपरदन खाद्य श्रृंखला में मृत कार्बनिक पदार्थ से शुरू होकर मिट्टी में से अपरदन खाने वाले जीवों एवं अपरदन भक्षी जीवों पर आश्रित रहने वाले जीवों तक फैली रहती है।

अन्य मतों के अनुसार खाद्य श्रृंखला तीन प्रकार की होती है –

  1. परभक्षी खाद्य श्रृंखला (Predator food chain) – परभक्षी खाद्य श्रृंखला हरे पादपों से छोटे एवं बड़े जीव जन्तुओं की और अग्रसर होती है।
  2. परजीवी खाद्य श्रृंखला (Parasitic food chain) – हरे पादपों से बड़े जन्तुओं और छोटे जीवों की ओर अग्रसर होती है।
  3. मृतोपजीवी खाद्य श्रृंखला (Saprophytic food chain) – मृत जीव-जन्तुओं से सूक्ष्म जीवों की ओर अग्रसर होती है।

प्रत्येक खाद्य या आहार श्रृंखला में उत्पादक एवं उपभोक्ता होते हैं।

आहार जाल (food webs)

आहार जाल (food webs)
आहार जाल (food webs)

आहार जाल का निर्माण कैसे होता है — हर खाद्य श्रृंखला में प्राथमिक उत्पादक, प्राथमिक उपभोक्ता, द्वितीयक उपभोक्ता, तृतीयक उपभोक्ता एवं उच्च उपभोक्ता में सीधा एवं सरल संबंध होता है। लेकिन जब कई प्रकार के जन्तु एक ही प्रकार के भोज्य पदार्थ खाते हैं या एक ही प्रकार की जाति कही प्रकार के भोज्य जन्तुओं का भक्षण करते हैं तो आहार श्रृंखला जटिल हो जाती है। इसी प्रकार की जटिल खाद्य श्रृंखला को ही आहार जाल कहते हैं।

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