आतंकवाद क्या है ? आतंकवाद के कारण

आतंकवाद क्या है ? आतंकवाद के कारण

आतंकवाद क्या है ? (What is Terrorism in hindi), आतंकवाद का अर्थ, आतंकवाद का अर्थ और परिभाषा, आतंकवाद के कारण (Causes of Terrorism in hindi) आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

आतंकवाद क्या है ? (What is Terrorism in hindi)

आतंकवाद शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के “टैरर” शब्द से हुई है जिसका अर्थ – To Frighten “डराना” होता है। “Terrorism” “आतंकवाद” इसी से उत्पन्न शब्द है। आतंकवाद को आधुनिक विश्व के सबसे बड़े खतरे के रूप में देखा जा सकता है। आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार है जिसका उद्देश्य कुछ निश्चित कार्यों की पूर्ति के लिए सरकार पर दबाव बनाकर समाज में अव्यावहारिक कार्यों को मनवाना या लोगों पर भय उत्पन्न करना होता है। आतंकवाद एक ऐसा सिद्धांत होता है जो भय और हिंसा पर आधारित होता है।

वर्तमान में भारत में अधिकांशतः आतंकवाद कश्मीर, असम आदि राज्यों में देखने को मिलता है। आतंकवादी व्यक्ति अपनी गैर-कानूनी मांगों को मनवाने के लिए राष्ट्र के विरोध एवं असामाजिक कार्यों को करता है जिससे न केवल किसी देश बल्कि संपूर्ण विश्व को हानि होती है।

आतंकवाद के कारण (Causes of Terrorism in hindi) –

आतंकवाद के मुख्य कारण गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी एवं धार्मिक उन्माद होता है। इन सभी कारणों का दुष्परिणाम आतंकवाद कहलाता है। इन समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति अपनी स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से हिंसात्मक कार्यों को करने लगता है जिससे न केवल एक समाज अपितु संपूर्ण विश्व को आघात पहुँचता है। आतंकवाद के कुछ प्रमुख कारणों का विस्तारपूर्वक विवरण निम्नलिखित है –

धार्मिक कट्टरपंथी गुट

आतंकवाद शब्द एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर संपूर्ण विश्व में दहशत मच जाती है। आतंकवाद की गतिविधियों को सबसे अधिक प्रोत्साहन धार्मिक कट्टरता से मिलता है जिसमें लोग धार्मिक कट्टरता के माध्यम से एक दूसरे की मृत्यु का कारण भी बन जाते है। कट्टरपंथी गुटों द्वारा धर्म का सहारा लेकर आतंकवाद को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। कट्टरपंथी गुटों का राजनैतिक प्रभाव राजनीति में धर्म की भूमिका का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली पक्ष है। इन कट्टरपंथी पक्षों के द्वारा धर्म का हनन, असुरक्षा व धर्म के प्रति भेदभाव या जेहाद के नाम पर सभी धर्मावलम्बियों में फूट व आपस में लड़ाने का कार्य किया जाता है।

कट्टरपंथियों के द्वारा फैलाये जा रहे उन्माद व शत्रुता के कारण आतंकवाद जैसे भयंकर तत्वों को बढ़ावा दिया जा रहा है। दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान व बांग्लादेश धार्मिक कट्टरवाद से सबसे अधिक ग्रसित होने वाले प्रमुख देश है। पाकिस्तान की राजनीति में कट्टरपंथियों के प्रभाव व उनकी भूमिका से सभी अवगत है और यह भी देखा गया है कि पाकिस्तान का कोई भी राजनेता अथवा शासक चाहे वह तानाशाह हो अथवा लोकतान्त्रिक रूप से चुना गया हो इनमें कट्टरपंथियों के प्रभाव एवं वर्चस्व को देखा जा सकता है। इस्लामिक आतंकवाद का पाकिस्तान में बढ़ना कट्टरपंथियों के प्रभाव से हुआ है।

अल्पसंख्यक वर्ग में असुरक्षा की भावना

अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कई बार यह महसूस करते हैं कि उनके साथ जानबूझकर भेदभाव किया जाता है व उन्हें कई सुविधाओं से वंचित किया जाता है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में सरकारी तंत्र की भेदभावपूर्ण व दोषपूर्ण नीतियों के कारण असुरक्षा व भेदभाव की भावना जन्म लेती है। अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव होने के कई सरकारी नीति के राजनैतिक, धार्मिक व सामाजिक कारण हो सकते हैं। अल्पसंख्यकों में निराशा का भाव कई देशों में देखने को मिलता है, जैसे – भारत में मुस्लिम वर्ग की अपेक्षा ईसाई वर्ग में, पाकिस्तान में बहुमत इस्लाम धर्म में शिया उप संप्रदाय या पख्तून बलूची, मुहाजिर समुदायों अधिक में असंतुष्टि एवं निराशा देखने को मिलती है।

इससे यह पता चलता है कि धर्म और समुदाय के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। परन्तु कभी-कभी अपेक्षाकृत लाभान्वित समुदाय भी खुद को शोषित या उपेक्षित मान लेते हैं तथा हिंसात्मकता से अपने हिस्से की मांग करते हैं। अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि आतंकवाद की जड़े शोषण व अन्याय की प्रवृत्ति में निहित होती है।

मनोवैज्ञानिक कारण

आतंकवाद को मनोवैज्ञानिक अवधारणा के रूप में भी जाना जाता है जिसमें कई मनोवैज्ञानिक कारणों की वजह से एक व्यक्ति पर हिंसा या बदला लेने की प्रवृत्ति जाग्रत होती है। जब व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए कुछ ऐसे विचार उत्पन्न करता है जिससे वे आतंकवादी प्रवृत्ति को अपनाने के लिए खुद को और दूसरों को आतंकवादी कार्यों को करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसा माना जाता कि जब व्यक्ति आंतरिक रूप से समाज में खुद की स्थिति को देख परेशान रहता है और इन्हीं कारणों की वजह से वह अपनी स्थिति को सुधारने के लिए हिंसात्मक कार्य करने लगता है जिसे आतंकवाद कहा जाता है। अतः व्यक्ति द्वारा किए जा रहे किसी भी प्रकार के आतंकवाद का कारण मनोवैज्ञानिक कारण ही होता है।

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