शब्दकोश एवं संदर्भ ग्रंथ में क्या अंतर है

शब्दकोश एवं संदर्भ ग्रंथ में क्या अंतर है

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शब्दकोश किसे कहते हैं

शब्दकोश को किसी बड़ी सूची के रूप में संदर्भित किया जा सकता है जिसमें शब्दों की वर्तनी, व्याकरण, परिभाषा, पदार्थ, अर्थ, प्रयोग, निष्कर्ष आदि का समावेश होता है। शब्दकोश वास्तव में वह स्रोत होता है जिसमें विश्व भर के प्रचलित शब्दों को वर्णानुक्रम के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। इसके अलावा शब्दकोश को शब्दों के अर्थ के अनुसार भी व्यवस्थित किया जाता है। शब्दकोश में किसी भी शब्द का अर्थ एवं उसका प्रयोग वर्णित किया जाता है जिसके माध्यम से व्यक्ति को शब्द का अर्थ समझने एवं उसका प्रयोग करने में आसानी होती है। शब्दकोश एकभाषीय, द्विभाषीय है या बहुभाषिक हो सकता है। इसके अलावा शब्दकोश में वाक्य विन्यास एवं विभिन्न प्रकार के मुहावरों का भी उचित प्रयोग किया जाता है। यह किसी भी विषय को बेहतर ढंग से समझने एवं शब्दों के संचार में सुधार करने की क्रिया को सुनिश्चित करता है।

शब्दकोश के प्रकार

शब्दकोश को कई वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:-

  • वर्णनात्मक शब्दकोश
  • निर्देशात्मक शब्दकोश
  • अर्थात्मक शब्दकोश
  • भाषाकोश
  • व्यक्तिकोश
  • पुस्तककोश
  • विश्व ज्ञानकोश
  • विषयकोश

वर्णनात्मक शब्दकोश

वर्णनात्मक शब्दकोश वह होता है जो शब्दों के अर्थ को पूर्ण रूप से वर्णित करने का प्रयास करता है और जिससे शब्दों को प्रयोग करने में सरलता का भाव उत्पन्न होता है।

निर्देशात्मक शब्दकोश

निर्देशात्मक शब्दकोश वह होता है जो यह बताता है कि किसी शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया जाना चाहिए। यह शब्दों के उचित प्रयोग करने की क्रिया को प्रदर्शित करता है।

अर्थात्मक शब्दकोश

अर्थात्मक शब्दकोश वह होता है जो शब्द के वास्तविक अर्थ को बताता है जिससे उस शब्द को कई प्रकार के मुहावरों एवं वाक्यों में प्रयोग करने में आसानी होती है। इसके अलावा अर्थात्मक शब्दकोश सभी प्रकार के शब्दों के सही अर्थ को भी परिभाषित करता है।

भाषाकोश

जिस शब्दकोश में किसी एक भाषा से संबंधित शब्दों, मुहावरों एवं लोकोक्तियों को वर्णानुक्रम में व्यवस्थित करके विभिन्न प्रकार के अर्थ बताए जाते हैं उन्हें भाषाकोश के नाम से जाना जाता है।

व्यक्तिकोश

जिस शब्दकोश में इतिहास के महान व्यक्ति जैसे महान विचारकों, साहित्यकारों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों आदि का संक्षिप्त परिचय दिया जाता है तो ऐसे शब्दकोश को व्यक्तिकोश के नाम से जाना जाता है। व्यक्तिकोश को चरित्रकोश के नाम से भी जाना जाता है।

पुस्तककोश

पुस्तककोश या साहित्यकोश वह शब्दकोश होता है जिसमें मुख्य रूप से किसी पुस्तक में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों के अर्थ को विस्तारपूर्वक बताया जाता है।

विश्व ज्ञानकोश

विश्व ज्ञानकोश शब्दकोश का वह प्रकार होता है जिसमें शब्दों के वास्तविक अर्थों के अलावा विषय की भी संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है।

विषयकोश

इस प्रकार के शब्दकोश में किसी विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी को वर्णानुक्रम में व्यवस्थित किया जाता है जैसे भाषा विज्ञान शब्दकोश आदि।

शब्दकोश की विशेषताएं

शब्दकोश की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:-

  • शब्दकोश में किसी शब्द का अर्थ, परिभाषा, उपयोग, व्याकरण, वर्तनी, उच्चारण एवं उदाहरण शामिल होते हैं।
  • शब्दकोश किसी शब्द के उच्चारण के विषय में संपूर्ण जानकारी प्रदान करने का कार्य करता है।
  • हिंदी शब्दकोश में मुख्य रूप से हिंदी वर्णमाला का अनुसरण किया जाता है।
  • शब्दकोश के माध्यम से किसी भी भाषा को सरलता से समझने एवं सीखने में आसानी होती है क्योंकि यह किसी शब्द के अर्थ को बेहतर ढंग से बताता है।
  • एक बेहतर शब्दकोश शब्दों की व्युत्पत्ति, लिंग, स्रोत, शब्द स्वरूप एवं विभिन्न प्रकार के संदर्भपरक अर्थों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
  • शब्दकोश विश्व भर में उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक शब्दों के बारे में व्याकरण संबंधी जानकारी प्रदान करता है।
  • शब्दकोश शब्द की संज्ञा, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण आदि को विस्तारपूर्वक प्रदर्शित करता है।

 

संदर्भ ग्रंथ किसे कहते हैं

संदर्भ ग्रंथ वह होते हैं जिनमें मानव द्वारा विभिन्न पुस्तकों के माध्यम से संक्षिप्त ज्ञान को विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया जाता है। इसके माध्यम से किसी भी विषय की संपूर्ण जानकारी को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। संदर्भ ग्रंथ की जानकारी का क्रम शब्दकोश के नियमों के अनुसार ही कार्य करता है। संदर्भ ग्रंथ का उपयोग वास्तव में किसी महत्वपूर्ण जानकारी या विमर्श के लिए कुछ विशिष्ट प्रसंगों को चिन्हित करने के लिए किया जाता है। यह ऐसा ग्रंथ होता है जो व्यक्तियों की जिज्ञासा पूर्ति के दृष्टिकोण से बेहतर माना जाता है।

संदर्भ ग्रंथ के प्रकार

संदर्भ ग्रंथ के कई प्रकार होते हैं जैसे:-

  • विश्वकोश
  • पंचांग
  • ग्रंथ सूची

विश्वकोश

विश्वकोश वह कृति होती है जिसमें मुख्य रूप से विश्व के समस्त ज्ञान का भंडार निहित होता है। यह ऐसा कोश होता है जिसमें विश्व भर के सभी पदार्थों को संग्रहित किया जाता है। यह एक विशाल ग्रंथ माना जाता है जिसमें मुख्य रुप से विश्व भर की समस्त महत्वपूर्ण बातों का विवरण किया जाता है।

पंचांग

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी विषय वस्तु के पांच प्रमुख अंगों को पंचांग कहा जाता है जिसमें उन सभी अंगों की दैनिक जानकारी प्रदान की जाती है। यह एक प्रकार का ग्रंथ है जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, कारण एवं वार को सुनिश्चित किया जाता है।

ग्रंथसूची

ग्रंथ सूची वह कृति होती है जिसमें मुख्य रुप से संपूर्ण ग्रंथों की सूची अंकित की जाती है। ग्रंथ सूची में मुख्य रूप से सभी ग्रंथों का विवरण अनेकों प्रकार से किया जाता है जिसमें ग्रंथ के लेखक, पृष्ठ संख्या, तिथि, प्रकाशन, संस्करण, नाम, मूल्य आदि जैसे जरूरी तत्व को शामिल किया जाता है।

संदर्भ ग्रंथ की विशेषताएं

संदर्भ ग्रंथ किसी विषय या तथ्य को स्पष्टीकरण या पुष्टिकरण करने में बेहद सहायक मानी जाती हैं। संदर्भ ग्रंथ या संदर्भ पुस्तक का संगठन इस प्रकार से किया जाता है कि वह किसी विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी को पाठक एवं श्रोता के सम्मुख प्रस्तुत करें। संदर्भ ग्रंथ सामान्य रूप से सभी विषयों को सारांश करने का कार्य करते हैं। यह स्रोत पृष्ठभूमि की संपूर्ण जानकारी प्रदान करके स्रोत खोजने में सहायता करते हैं। संदर्भ ग्रंथ में उपयोग किए जाने वाले तथ्यों, आंकड़ों एवं संपर्क की जानकारी सर्वोत्तम मानी जाती है। इसके अलावा संदर्भ ग्रंथ शब्दावली सीखने हेतु भी बेहद उपयोगी मानी जाते हैं।

शब्दकोश एवं संदर्भ ग्रंथ में अंतर

शब्दकोश एवं संदर्भ ग्रंथ में निम्नलिखित अंतर होते हैं जैसे:-

  • शब्दकोश में मुख्य रूप से किसी शब्द की व्युत्पत्ति एवं इतिहास की जानकारी प्रदान की जाती है जबकि संदर्भ ग्रंथ में शब्दों के संबंध में विवेचन किया जाता है।
  • शब्दकोश का उपयोग मुख्य रूप से किसी शब्द के अर्थ को ढूंढने के लिए किया जा सकता है परंतु संदर्भ ग्रंथ का उपयोग किसी शब्द या विषय के बारे में अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
  • शब्दकोश का उपयोग पाठ्यपुस्तक या कहानी के रूप में नहीं किया जा सकता है जबकि संदर्भ ग्रंथ का उपयोग पाठ्यपुस्तक या कहानी पढ़ने के लिए किया जा सकता है।
  • शब्दकोश का प्रयोग निर्देश देने या परामर्श देने के लिए नहीं किया जा सकता है जबकि संदर्भ ग्रंथ का प्रयोग परामर्श देने एवं निर्देश देने हेतु किया जा सकता है।

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