केदारनाथ आपदा के कारण : जानें केदारनाथ आपदा के कारण (Causes of Kedarnath disaster in hindi), केदारनाथ, भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय की गोद में स्थित एक बहुत ही सुन्दर नगर है जहाँ 8वीं शताब्दी में निर्मित चार धाम और पंच केदारों में से एक केदारनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित है।
केदारनाथ मंदिर को उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर माना जाता है जिसका निर्माण कटवां पत्थरों के विशाल शिलाखंडों को जोड़कर किया गया है। केदारनाथ धाम तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा है। जिसमें एक तरह लगभग 22 हजार फुट ऊँचा केदारनाथ, दूसरी तरफ 21 हजार फुट ऊँचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ 22 हजार 700 फुट ऊँचा भरतकुंड स्थित है।
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केदारनाथ आपदा
उत्तराखंड की भौगोलिक संरचनाओं एवं अधिक भाग पर्वतीय होने के कारण यहाँ हर वर्ष कई तरह की आपदाएं आती रहती हैं और उन आपदाओं में से एक है ‘केदारनाथ आपदा’। 16-17 जून, 2013 को तेज बारिश की वजह बाढ़ एवं भू-स्खलन से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में भारी तबाही होने के कारण यहाँ जन-धन दोनों को भारी नुकसान होने से यह संपूर्ण भारत के लिए बहुत ही दुःखद घटना रही।
13 से 17 जून के बीच इतनी अधिक बारिश हुई, जिसका प्रतिशत पूरे मानसून में होने वाली बारिश से भी ज्यादा था। 8 वर्ष पूर्व केदारनाथ में आई इस आपदा में 6000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें से कुछ लोग लापता हो गए। इस त्रासदी में भगवान केदारनाथ के मंदिर को आंशिक रूप से नुकसान हुआ, 4,200 से अधिक गावों का संपर्क टूट गया व 991 स्थानीय लोगों की लाशें अलग-अलग क्षेत्रों में मिली।
केदारनाथ आपदा में 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बहकर और मलवे में दबकर मर गए और 1,309 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में तबाह हो गई। इसके अलावा इस आपदा में 2,141 भवन, 100 से ज्यादा बड़े और छोटे होटल, 9 नेशनल हाई-वे, 2,385 सड़के, 86 मोटर पुल, 172 बड़े-छोटे पुल बुरी तरह तबाह हो गए।
केदारनाथ आपदा के लिए राहत और बचाव अभियान –
- इस आपदा के दौरान भारतीय सेना के 10 हजार जवान, 11 हेलीकॉप्टर, लगभग 45 एयरफोर्स और नेवी के गोताखोरों को तैनात किया गया था।
- सेना और एयरफोर्स के केदारनाथ में आने से पूर्ण ही इंडो-चीन सीमा पर तैनात होने वाले ITBP के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा था।
- केदारनाथ यात्रा में फंसे 90 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों और सैलानियों को सेना व 30 हजार से अधिक पुलिस के जवान बाहर सुरक्षित निकालने के लिए तैनात थे तथा ये राहत और बचाव का अभियान एक महीने अधिक समय तक जारी रहा था।
केदारनाथ आपदा के कारण
केदारनाथ में आई इस आपदा का कारण तेज बारिश, बाढ़ और भू-स्खलन को बताया जाता है। इस आपदा के पीछे मानवीय कारणों को भी दोषी ठहराया जाता है, पहाड़ों में जरूरत से ज्यादा निर्माण कार्यों, बहुत अधिक संख्या में पर्यटकों की आवाजाही इस आपदा के कारण है। खनन कार्य, पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पदार्थों की अधिकता के कारण पारिस्थितिकी तंत्र को अधिक नुकसान हुआ है जो केदारनाथ आपदा का एक प्रमुख कारण है।
इसके अलावा वर्ष 2000 से लेकर 2012 तक केदारनाथ धाम में लगभग 11 हजार किमी सड़क और लगभग 45 बांध बनाए गए व 119 बांधों का निर्माण कार्य चल रहा था अतः सड़क और बांधों का व्यापक निर्माण भी केदारनाथ आपदा का प्रमुख कारण था।
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