घरेलू हिंसा क्या है (What is Domestic Violence in hindi), घरेलू हिंसा के विभिन्न रूप (Various forms of Domestic Violence in hindi), घरेलू हिंसा के कारण (Causes of Domestic Violence in hindi) और घरेलू हिंसा के समाधान व उपाय (Solutions for Domestic Violence in hindi) आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।
घरेलू हिंसा क्या है ? (What is Domestic Violence in hindi)
घरेलू हिंसा का तात्पर्य घर के माहौल में किए जाने वाले हिंसात्मक व्यवहार से है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के लिए कुछ ऐसे बुरे कार्य किए जाते है जिससे उस व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से आघात पहुँचता हो। ऐसा कार्य जो किसी महिला, पुरुष, बच्चे या बुजुर्गों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन पर संकट, आर्थिक क्षति और ऐसी कोई क्षति जो असहनीय हो जिससे उनको को दुःख एवं अपमान सहन करना पड़े घरेलू हिंसा कहलाता है।
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घरेलू हिंसा के विभिन्न रूप (Various forms of Domestic Violence in hindi) –
महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा
किसी भी महिला को शारीरिक व मानसिक रूप से दुख पहुंचाना महिला के विरुद्ध घरेलू हिंसा कहलाता है। इसमें महिलाओं का शोषण करना, उसके साथ मारपीट करना, यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए उसके साथ दुर्व्यवहार करना, महिला को अश्लील साहित्य व अश्लील तस्वीरों को देखने के लिए विवश करना, बलात्कार करना, महिला को अपमानित करना, उसकी पारिवारिक व सामाजिक स्थिति को आघात पहुँचाना, महिला को आत्महत्या की धमकी देना, मौखिक दुर्व्यवहार करना आदि महिला घरेलू हिंसा के कारण है। यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग दो-तिहाई विवाहित महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार है।
पुरुषों के विरुद्ध घरेलू हिंसा
भारत में महिलाओं के अलावा पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार बनते है और यह स्थिति धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इसका प्रमुख उदाहरण- चंडीगढ़ एवं शिमला में सैकड़ों पुरुषों द्वारा अपनी पत्नियों और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा होने के कारण सरकार से गुहार लगाई थी।
बच्चों के विरुद्ध घरेलू हिंसा
भारतीय समाज में बच्चों एवं किशोर भी घरेलू हिंसा का शिकार बने हुए है। बच्चों के साथ घरेलू हिंसा को महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के बाद दूसरे स्थान पर रखा गया है। बच्चों में घरेलू हिंसा को ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है। इसके अलावा उच्च एवं निम्न वर्ग के परिवारों में इसके स्वरूप में भिन्नता पाई जाती है।
बुजुर्गों के विरुद्ध घरेलू हिंसा
इस प्रकार की घरेलू हिंसा में घर के बुजुर्गों के साथ परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया दुर्व्यवहार शामिल होता है अर्थात इस घरेलू हिंसा में हिंसा का शिकार घर की बुजुर्ग महिला या पुरुष होते है। भारत में इस प्रकार की घरेलू हिंसा अत्यंत संवेदनशील है जिसमें बुजुर्गों के साथ मार-पीट करना, उनसे अधिक घरेलू कार्यों को कराना, उनकी आवश्यकताओं को पूरा न करना आदि कार्य शामिल है।
घरेलू हिंसा के कारण (Causes of Domestic Violence in hindi) –
- घरेलू हिंसा होने का प्रमुख कारण यह है की कुछ लोगों की यह मानसिकता होती है की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा शारीरिक व भावनात्मक रूप से कमजोर होती है जिससे वे महिलाओं के साथ हिंसात्मक भरे कार्यों को करने लगते है अतः बुरी मानसिकता होना घरेलू हिंसा होने का कारण है।
- घरेलू हिंसा होने का कारण महिलाओं द्वारा यौन संबंध बनाने से इंकार करना, स्वादिष्ट खाना न बना पाना, पति-पत्नी के बीच बहस, दहेज़ विवाद, साथी को बिना बताए घर से बाहर जाना, बच्चों की वजह से मतभेद आदि घरेलू हिंसा होने का कारण है।
- पुरुषों के प्रति होने वाली घरेलू हिंसा का कारण पत्नियों के निर्देशों का पालन न करना, विवाह से संबंधित बातें, आय का कम होना, घरेलू कार्यों में स्त्रियों का साथ न देना, शराब का सेवन, पुरुषों का बांझपन व पति-पत्नी द्वारा एक दूसरे के परिवार के लिए कटु वचनों का प्रयोग करना आदि।
- बच्चों के साथ घरेलू हिंसा होने का कारण बाल श्रम, शारीरिक शोषण, पारिवारिक परंपराओं का पालन न करना, शिक्षा से वंचित रख कर उन्हें घर पर रहने के मजबूर करना आदि है।
- वृद्ध व्यक्तियों के साथ घरेलू हिंसा होने का कारण माता-पिता पर पैसा खर्च करना, अपने माता-पिता को भावनात्मक रूप से पीड़ित करना व उनसे दूर होने के लिए उन्हें उत्पीड़ित करना और उनके साथ मार-पिटाई करना।
- इसके अलावा महिलाओं में घरेलू हिंसा का कारण उनके द्वारा ससुराल के सदस्यों की देखभाल न करना, महिलाओं में बांझपन व वैवाहिक संबंधों में लिप्त रहना सभी घरेलू हिंसा के कारण है।
घरेलू हिंसा के समाधान व उपाय (Solutions for Domestic Violence in hindi) –
- महिलाओं एवं बच्चों के लिए हो रही घरेलू हिंसा को समाप्त करने के लिए पुरुषों को इस समस्या को समाप्त करने के उपायों के लिए उन्हें इसमें शामिल करना होगा और उनकी मानसिकता में सुधार लाने का प्रयास करना होगा।
- घरेलू हिंसा से पीड़ित व्यक्ति को एक बेहतर वातावरण देना चाहिए जिससे वे घरेलू हिंसा के मानसिक विकार से बाहर आ सके।
- सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों को घरेलू हिंसा से संरक्षण प्रदान करने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 को संसद में पारित कराया गया है। इसके तहत यदि कोई महिला या बच्चा घरेलू हिंसा से पीड़ित है तो वे इस अधिनियम का लाभ उठाकर स्थिति में सुधार कर सकते है।
- सरकार ने वन-स्टॉप सेंटर जैसी योजनाएं प्रारंभ की है जिसका उद्देश्य हिंसा की शिकार हुई महिलाओं की सहायता करने के लिए उन्हें चिकित्सीय, क़ानूनी और मनोवैज्ञानिक सेवाएं उपलब्ध कराना है।
- महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को दूर करने के लिए निजी स्तर पर ‘लड़के रुलाते नहीं’ अभियान और वैश्विक मानवाधिकार संगठन ‘ब्रेकथ्रू’ द्वारा ‘बेल बजाओ’ अभियान चलाया गया है।