मराठा साम्राज्य – NCERT based short notes in Hindi: maratha samrajya in hindi, history of maratha empire in hindi pdf, maratha history in hindi pdf. मराठा साम्राज्य – शिवाजी, शम्भाजी, राजाराम, शिवाजी-2, शाहूजी के इतिहास के शॉर्ट नोट्स दिए गए हैं।
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शिवाजी (1640-1680)
- मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेर के दुर्ग में हुआ था।
- शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले तथा माता का नाम जीजाबाई था।
- शिवाजी का विवाह सईबाई निम्बालकर से 1640 ई० में हुआ।
- शिवाजी के राजनीतिक गुरू दादाजी कोंडदेव थे एवं आध्यात्मिक गुरू रामदास थे।
- शिवाजी ने सबसे पहले 16 वर्ष की आयु में बीजापुर रियासत के तोरण किले पर अधिकार कर किया।
- 1656 ई० में शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया।
- इसी दौरान मुग़ल साम्राज्य के मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1660 ई० में शाइस्ता खां को दक्षिण का राज्यपाल नियुक्त कर दक्षिण फतह करने का कार्य सौंपा।
- 1663 में शिवाजी ने शाइस्ता खां पर आक्रमण कर उसका अंगुठा काट दिया एवं उसके पुत्र की हत्या कर दी।
- 1664 में शिवाजी ने सूरत में भयंकर लूटपाट की थी।
- इससे परेशान होकर औरंगजेब ने 1665 ई० में राजा जयसिंह को दक्षिण की बागडोर सौंपी । इसके तुरंत बाद ही पुरंदर पर आक्रमण कर शिवाजी की माता संग परिवार को बंदी बना लिया।
- 1665 ई० में जयसिंह व शिवाजी के बीच पुरंदर की संधि हुई। इसके तहत शिवाजी ने अपने आधीन 23 किले मुगलों को देकर मात्र 12 किले अपने अधिकार में रखे।
- इसी संधि के तहत शिवाजी के पुत्र शम्भाजी को मुगल दरबार में नियुक्त कर दिया गया।
- जयसिंह के विश्वास पर 1666 ई० में शिवाजी आगरा पहुँचे । वहां पर शिवाजी को औरंगजेब ने कैद कर लिया । यहां से शिवजी इसी वर्ष अगस्त 1666 ई० में भाग निकले ।
- 5 जून 1674 ई० में शिवाजी ने रायगढ़ में बनारस के प्रसिद्ध विद्वान श्री गंगा भट्ट द्वारा अपना राज्याभिषेक करवाया तथा छत्रपति की पदवी धारण की ।
- 3 अप्रैल 1680 ई० में शिवाजी की मृत्यु हो गई तब वह मात्र 50 वर्ष के थे ।
शिवाजी के द्वारा लगाए गए कर
- चौथ – मतलब चौथा हिस्सा होता था। जोकि पड़ोसी राज्यों से लिया जाता था।
- सरदेशमुखी – महाराष्ट्र के लोग दिया करते थे क्योंकि वे महाराष्ट्र के पुश्तैनी सरदेशमुख थे।
शिवाजी के अष्टप्रधान
शिवाजी के मंत्री मंडल को अष्टप्रधान कहा जाता था, जिनका विवरण निम्नवत है –
क्रं० सं० | नाम | कार्य |
1 | पेशवा | प्रधान मंत्री |
2 | सर-ए-नोबत | सेनापति |
3 | अमात्य | राज्य मंत्री |
4 | वाक्यन्वीस | सूचना मंत्री, गुप्तचर विभाग |
5 | चिटनीस | चिट्ठी/डाक विभाग का कार्यालय |
6 | सुमंत | विदेश मंत्री |
7 | पंडित राव | धार्मिक मंत्री |
8 | न्यायाधीश | न्यायालय से सम्बन्धित |
Maratha Empire Family Tree
शम्भाजी (1680-1689)
- शिवाजी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र शम्भाजी छत्रपति के सिंहासन पर बैठे।
- संभाजी ने उज्जैन के हिन्दी और संस्कृत के विद्वान कवि कलश को अपना सलाहकार बनाया।
- 1689 ई० में शम्भाजी और कवि कलश को मुगलों ने गिरफ्तार कर लिया और औरंगजेब ने इसकी हत्या करवाने से पहले इनकी ऑंखें निकलवाकर, जुबान कटवा दी थी।
- मुगलों द्वारा शम्भाजी के पुत्र शाहूजी को भी गिरफ्तार कर कैद कर लिया गया।
- 1707 ई० में औरंगजेब की मृत्यु के बाद शाहूजी को रिहा कर दिया गया।
राजाराम (1689-1700)
- 1689 ई० में शम्भाजी की मृत्यु के बाद उनके भाई राजाराम का एक नए छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक हुआ।
- राजाराम ने अपनी राजधानी सतारा को बनाया।
- राजाराम को पत्नी राजसबाई से शम्भाजी-2 और पत्नी ताराबाई से शिवाजी 2 पुत्र हुए। इतिहास में शम्भाजी-2 की अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
- राजाराम की मृत्यु 1700 ई० में मुगलों से संघर्ष करते हुए हो गई।
शिवाजी-2 (1700-1707)
- राजा राम की मृत्यु के बाद उनकी विधवा पत्नी ताराबाई ने अपने 4 वर्षीय पुत्र शिवाजी-2 का राज्याभिषेक करवा दिया और उसके संरक्षक के रूप में 1700-1707 ई० तक राज्य संभाला।
शाहूजी (1707-1749)
- शम्भाजी के पुत्र शाहूजी को औरंगजेब की मृत्यु के बाद 1707 ई० में छोड़ दिया गया था।
- शाहू जी ने वापस आकर राजा राम की पत्नी ताराबाई से अपना अधिकार मांगा परन्तु उसके इनकार कर देने उपरान्त शाहू जी ने बालाजी विश्वनाथ की मदद से खेड़ा का युद्ध लड़ा और ताराबाई को पराजित किया।
- उसके बाद शाहू जी ने 1713 ई० में बालाजी विश्वनाथ को पेशवा बनाया।
- 1749 ई० में शाहू जी की मृत्यु हो गयी। उनका कोई भी उत्तराधिकारी नहीं था।
- इस समय तक पेशवा काफी शक्तिशाली हो चुके थे।
- 1750 ई० में संगोला की संधि से राजाराम-2 को नाम मात्र का छत्रपति बना दिया गया और सभी शक्तियां पेशवा के अन्तर्गत कर दी गयी।
इसके बाद पढ़ें पेशवा साम्राज्य।
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