विस्तार: पैरालम्पिक खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से देश का पहला संस्थान गुजरात की राजधानी गांधीनगर (Gandhinagar) में स्थापित किया जा रहा है। इसकी आधारशिला केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल (Vijay Goel) ने गांधीनगर स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के संकुल (SAI Complex) में 5 फरवरी 2017 को रखी। इसी क्रम में देश का यह पहला संस्थान गांधीनगर में 50 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया जा रहा है। इसमें एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ खेलों और ऑलम्पिक खेलों की तैयारी कर रहे पैरा-एथलीटों के लिए उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।[spacer height=”20px”]
विस्तार: भारतीय रेल का चेहरा बदलने के बड़े प्रयास के तहत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 8 फरवरी 2017 को स्टेशन रिडेवलपमेण्ट प्रोग्राम (Station Redevelopment Programme – SRP) नामक एक वृहद प्रयास के प्रथम चरण का उद्घाटन किया। इस पहले चरण में देश के कुल 23 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम विश्व का अब तक का सबसे बड़ा स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम (world’s largest station redevolepment programme) है तथा इसके तहत देश भर के 400 स्टेशनों का विकास बिल्कुल नए सिरे से किया जायेगा। वे कुछ स्टेशन जिनका पुनर्विकास इसके तहत किया जायेगा, हैं – चेन्नई सेण्ट्रल, राँची, उदयपुर सिटी, इन्दौर, यशवंतपुर, बेंगलुरू कैण्ट, विशाखापट्टनम, हावड़ा, कामख्या, फ़रीदाबाद, जम्मू-तवी, सिकंदराबाद, विजयवाडा, कोझीकोड और भोपाल। इन स्टेशनों के विकास के लिए रेलवे निजी डेवलपर्स को लगभग 140 एकड़ अतिक्रमण-रहित भूमि (encroachment free land) 45 वर्ष के पट्टे (lease) पर उपलब्ध करायेगी।[spacer height=”20px”]
विस्तार: राज्य कैबिनेट बैठकों को कार्यकुशल तथा आसान बनाने के लिए विकसित ई-कैबिनेट सॉल्यूशन एक बेव-आधारित सॉफ्टवेयर प्रणाली है जिसका विकास एवं क्रियान्वयन आईटी एवं दूरसंचार विभाग (Department of Information Technology and Communication) ने किया है। इसका इस्तेमाल कर कैबिनेट बैठक के पूर्व ही सभी कैबिनेट सदस्यों को बैठक से सम्बन्धित एजेण्डा तथा नोट्स उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इससे कैबिनेट बैठक में सदस्यों का ध्यान महत्वपूर्ण निर्णय को लेने पर केन्द्रित रहेगा ना कि एजेण्डा तथा अन्य विषयवस्तु को समझने पर। एक बार अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में ई-कैबिनेट सॉल्यूशन को पूरी तरह से अपना लिया जायेगा तो कैबिनेट बैठक के औसत समय को वर्तमान 4 से 5 घण्टे से घटाकर मात्र 30 से 90 मिनट किया जा सकेगा। इसके अलावा इससे हजारों पृष्ठों के मुद्रण का खर्च भी बचेगा क्योंकि मंत्रियों को उनके लैपटॉप-टैबलेट कम्प्यूटर पर समस्त जानकारियाँ उपलब्ध करना संभव हो जायेगा।