तत्व और यौगिक में अंतर ( यौगिक और तत्व में अंतर ) : तत्व किसे कहते हैं (What are the Elements in hindi), तत्व के प्रकार, तत्व में पाए जाने वाले गुण, यौगिक किसे कहते हैं (What Are Compound in hindi), यौगिक के प्रकार आदि महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।
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तत्व किसे कहते हैं (What are the Elements in hindi)
तत्व वह वस्तु या पदार्थ होता है जिसे आसानी से छोटे टुकड़ों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। भौतिकी एवं रसायन विज्ञान के अनुसार तत्व वह पदार्थ होता है जिसे गैर परमाणु प्रक्रियाओं एवं किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के माध्यम से टुकड़ों में तोड़ा नहीं जा सकता है। इनका निर्माण मुख्य रूप से एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर होता है। तत्व वास्तव में वह शुद्ध पदार्थ होते हैं जिसके प्रत्येक परमाणु के नाभिक में एक समान संख्या में प्रोटोन (Proton) की उपस्थिति होती है। विश्व भर में मौजूद सभी पदार्थों के गिनती तत्वों में की जाती है। इनमें कुछ प्राकृतिक तत्व जैसे हाइड्रोजन (hydrogen), नाइट्रोजन (nitrogen), सोना (gold), चांदी (Silver), ऑक्सीजन (oxygen) आदि होते हैं एवं इसके साथ ही इसमें कुछ अप्राकृतिक तत्व भी होते हैं। वर्तमान समय में वैज्ञानिकों ने कुल 118 तत्व की खोज की है जिसमें लगभग 94 तत्व प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि प्रत्येक तत्वों के परमाणु में प्रोटोन की संख्या एक समान होती है अर्थात यह रासायनिक रूप से सरल स्वभाव के होते हैं। यही कारण है कि तत्वों को केवल रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से विभाजित नहीं किया जा सकता है बल्कि इसे तोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के परमाणु विधियों का उपयोग किया जाता है। जिन तत्वों के प्रत्येक परमाणु में न्यूट्रॉन (neutrons) की संख्या में भिन्नता होती है तो ऐसे तत्वों को समस्थानिक (isotopes) के नाम से जाना जाता है।
तत्व के प्रकार (Type of Element in hindi)
तत्व मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-
- धातु (Metal)
- अधातु (Non-Metal)
धातु (Metal)
वैज्ञानिकों के अनुसार धातु वह तत्व होते हैं जो प्रकृति में ठोस अवस्था में पाए जाते हैं। यह वे तत्व होते हैं जो आसानी से इलेक्ट्रॉन (electron) का त्याग करके धनायन बनाते हैं एवं विभिन्न प्रकार के धातुओं के परमाणुओं के साथ मिलकर धात्विक बंध (metallic bond) भी बनाते हैं। यह तत्व सामान्यतः चमकीले, प्रत्यास्थ (elastic), आघातवर्धनीय (traumatic) एवं सुदृढ़ प्रकार के तत्व होते हैं। धातु विद्युत एवं ऊष्मा के बेहतर चालक माने जाते हैं जिनमें विद्युत का प्रवाह सही ढंग से होता है। प्रकृति में पाए जाने वाले सभी धातु ध्वनिक होते हैं अर्थात इनके टकराने पर एक प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। इसके अलावा अधिकांश धातु बेहद कठोर अवस्था में होते हैं जबकि कुछ धातु जैसे सोडियम (sodium), पोटेशियम (potassium) आदि नरम अवस्था में होते हैं जिन्हें किसी धारदार हथियार के द्वारा आसानी से दो टुकड़ों में विभाजित किया जा सकता है। इसके अलावा पारा एक ऐसा धातु है जो सामान्य तापमान पर ठोस एवं द्रव दोनों ही रूपों में उपस्थित हो सकता है।
अधातु (Non-Metal)
अधातु ऐसे पदार्थ होते हैं जो सामान्य तापमान पर ठोस, द्रव एवं गैस तीनों अवस्था में उपस्थित होते हैं। इस प्रकार के पदार्थों का घनत्व बेहद कम होता है। इन पदार्थों को हथौड़ी की सहायता से आसानी से तोड़ा या विभाजित किया जा सकता है क्योंकि यह मलिन एवं नरम अवस्था में मौजूद होते हैं। यह ध्वनिक नहीं होते हैं अर्थात इनके टकराने पर सामान्यतः किसी भी प्रकार की ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है। इसके अलावा यह विद्युत एवं ऊष्मा के कुचालक भी होते हैं जिसके कारण इनमें विद्युत का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो सकता है। यह गैर धातुएं प्राकृतिक सामग्री होती हैं जो किसी भी प्रकार से ऊष्मा या बिजली का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होते हैं। कार्बन (Carbon), फास्फोरस (phosphorus), सल्फर (Sulphur), हाइड्रोजन (hydrogen), ऑक्सीजन (oxygen), नाइट्रोजन (nitrogen), कोयला (coal), सल्फर (Sulphur), ब्रोमीन (bromine), क्लोरीन (chlorine) आदि अधातु के उदाहरण माने जाते हैं। इसके अलावा हीरा (Diamond) एक प्रकार का अधातु होता है जो ऊष्मा का सुचालक होता है। इसे एक अपवाद के रूप में जाना जाता है।
तत्व में पाए जाने वाले गुण (Properties of an Elements in hindi)
प्रकृति में पाए जाने वाले तत्वों में कुछ विशेष प्रकार के गुण देखे जाते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:-
- कुछ तत्वों में अघातवर्धनीयता (invulnerability) का गुण पाया जाता है जिसके कारण उसे पीटने पर वह टूटने के स्थान पर पतली चादर के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं जिसे आसानी से पतले तार में भी बदला जा सकता है। जैसे सोना, तांबा, चाँदी, पीतल आदि।
- प्रकृति में मौजूद कुछ तत्वों में प्रत्यास्थता (elasticity) के गुण पाए जाते हैं जिसके कारण वह वीरुपक बल (heroic force) का विरोध करके पुनः अपनी अवस्था को वापस प्राप्त कर लेते हैं। वहीं कुछ पदार्थों में अत्यधिक लचीलापन भी होता है जिसके कारण वह अपने स्वाभाविक अवस्था को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में तत्व का लचीलापन कहा जाता है।
- कुछ तत्वों में भंगुरता (brittleness) का गुण पाया जाता है जिसके कारण वह काफी पीटने के बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हो जाते हैं।
- प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ पदार्थ अन्य पदार्थों की तुलना में अत्यधिक कठोर अवस्था में होते हैं जिसका मापन मोह स्केल (Mohs Scale) के माध्यम से किया जाता है। हीरा सबसे कठोर पदार्थ माना जाता है जिसकी कठोरता मोह स्केल में 100 प्रतिशत तक होती है।
यौगिक किसे कहते हैं (What Are Compound in hindi)
यौगिक वह तत्व या पदार्थ होते हैं जिनका निर्माण एक निश्चित अनुपात में रासायनिक अभिक्रिया के माध्यम से किया जाता है। यह वह रसायनिक बंध (chemical bond) होते हैं जो आपस में मिलकर एक नए पदार्थ का निर्माण करते हैं। अतः इस नए पदार्थ को ही वैज्ञानिक भाषा में यौगिक कहा जाता है। यौगिक में पाए जाने वाले पदार्थ संयोजित तत्वों से भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए जल एक यौगिक है जिसका निर्माण हाइड्रोजन (hydrogen) एवं ऑक्सीजन (oxygen) के तत्वों से मिलकर होता है।
जब किसी तत्व को एक निश्चित अनुपात में रासायनिक क्रिया के माध्यम से जोड़ने की प्रक्रिया की जाती है तो इसके परिणाम स्वरूप एक नए तत्व का निर्माण होता है जिसे यौगिक कहा जाता है।
यौगिक के प्रकार (Types of Compound in hindi)
यौगिक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-
- कार्बनिक यौगिक (Organic Compounds)
- अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compounds)
कार्बनिक यौगिक (Organic Compounds)
कार्बनिक यौगिक वह होते हैं जिनमें मुख्य रूप से कार्बन (carbon), हाइड्रोजन (hydrogen) एवं अन्य तत्वों की उपस्थिति होती है। इनमें अकार्बनिक विलियनों में आसानी से घुलनशील होने की क्षमता होती है। माना जाता है कि इन कार्बनिक यौगिक की संख्या लगभग 10 लाख से भी अधिक होती है। यह जीवन पद्धति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनमें हाइड्रोजन (hydrogen) की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। परंतु कुछ ऐतिहासिक कारणों से कुछ कार्बन के यौगिकों को कार्बनिक यौगिक की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compounds)
रसायन विज्ञान के अनुसार जिन रासायनिक यौगिकों में कार्बन हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond) की कमी होती है वह अकार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। इस प्रकार के तत्व पदार्थ यौगिक की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं परंतु वह कार्बनिक यौगिक के अंतर्गत नहीं आते हैं। अर्थात अकार्बनिक पदार्थ रसायनों का वह समूह होता है जिसमें किसी भी कार्बन की उपस्थिति नहीं होती है। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन सल्फाइड (hydrogen sulfide), अमोनिया (ammonia), कैल्शियम (calcium) आदि।
तत्व और यौगिक में अंतर (Difference between Element and Compound in hindi)
तत्व और यौगिक में निम्नलिखित प्रकार के अंतर पाए जाते हैं:-
- तत्व वह पदार्थ होते हैं जिनका विभाजन दो या दो से अधिक भागों में नहीं किया जा सकता है परंतु यौगिक ऐसे पदार्थ होते हैं जिसे रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से कई भागों में विभाजित किया जा सकता है।
- तत्व का निर्माण मुख्य रूप से एक ही प्रकार के पदार्थ से होता है जबकि यौगिक का निर्माण विभिन्न प्रकार के पदार्थों के माध्यम से होता है।
- तत्वों में पाए जाने वाले गुण एक समान के होते हैं जबकि यौगिक में पाए जाने वाले गुणों में भिन्नता होती है।
- तत्व का सूक्ष्मतम कण परमाणु (nuclear) कहलाता है जबकि यौगिक का सूक्ष्मतम कण अणु (molecule) कहलाता है।
- किसी तत्व का निर्माण एक ही प्रकार के पदार्थ के माध्यम से होता है जबकि यौगिक का निर्माण विभिन्न प्रकार के पदार्थों के माध्यम से होता है।
- तत्व का भौतिक एवं रासायनिक गुण यौगिक से भिन्न होता है जबकि यौगिक का रासायनिक एवं भौतिक गुण तत्वों से भिन्न होता है।
- तत्वों की कुल संख्या 118 होती है जबकि यौगिक की कुल संख्या की गणना नहीं की जा सकती है क्योंकि यह अनगिनत होते हैं।
- तत्व बहुरूपता को प्रदर्शित करता है परंतु एक यौगिक समावयवता को प्रदर्शित करता है।