कोरोना वायरस

कोरोना वायरस क्या है ? भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का असर ?

Coronavirus कोरोना वायरस क्या है ? COVID-19 कोरोना वायरस के ऊपर WHO की स्थिति ? भारत पर कोरोना वायरस का असर ? वैश्विक एवं भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का असर ? सम्बन्धी प्रश्नों की पूर्ण जानकारी के बारे में यहाँ बताया गया है।

क्या है कोरोना वायरस ?

कोरोना वायरस सबसे पहले इंसानों में वर्ष 1960 में देखा गया था। इससे संक्रमित व्यक्ति में फ्लू(संक्रमण जुकाम), निमोनियां जैसे लक्षण नजर आते हैं। बनावट के आधार पर ये वायरस अपनी सतह से बाहर को फैला होता है जिसे Protrusion कहा जाता है। ये Protrusion प्रोटीन के बने होने के कारण ये वायरस जानवरों के साथ-साथ मानवों को भी प्रभावित करता है। इसका नाम कोरोना इसकी खास बनावट(राजा के मुकट या क्राउन की तरह) के कारण पड़ा है। ये वायरस सबसे पहले जानवरों से मांस के रूप में मनुष्यों में आया।

वर्तमान जानकारी के अनुसार चमगादड़ों को इसका प्रमुख वाहक माना जा रहा है।

आज तक 7 प्रकार के कोरोना वायरसों की पहचान हो पायी है जिसमें SARS-CoV(Severe acute respiratory syndrome Coronavirus), MERS-CoV (Middle East-Respiratory Syndrome Coronavirus) एवं NCoV-19 (Novel Coronavirus-2019) प्रमुख नाम है। वर्तमान में फैल रहे NCoV-19 वायरस से होने वाली बीमारी को WHO द्वारा COVID-19(Coronavirus disease) नाम दिया गया है। इसे पहले कभी भी नहीं दर्ज किया गया, अतः इसके विषय में जानकारी का आभाव है जिस कारण यह जानलेवा साबित हो रहा है। NCoV-19 के लिए अपनाए जा रहे एंटी वायरल उपचार कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। ये एक प्रकार का जूनोटिक बीमारी (Zoonotic disease) है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है। इस वायरस की सबसे प्रमुख विषेशता यह है कि ये स्वयं की सरंचना में बदलाव(Mutation) करने में सक्षम है अतः इसके बचाव हेतु एंटी-वायरल दवाएं बनाना मुश्किल पड़ रहा है।

कोरोना वायरस की वर्तमान स्थिति ?

चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के सबसे पहले मामले सामने आये और यहीं पर ये वायरस अधिक सक्रिय भी है। वर्तमान में फैल रहे इस वायरस को वर्ष 2002-2003 के SARS-COV(Severe acute respiratory syndrome Coronavirus) के समान माना जा रहा है, जोकि 2002-03 में दक्षिण चीन में 9 माह तक रहा था। अभी तक चीन में कुल 79000 से भी अधिक मामले दर्ज करे जा चुके है जिसमें से 2400 मामलों में मृत्यु दर्ज की गयी है। चीन के जानकारियों एवं आकड़ो को छिपाने का पुराना इतिहास रहा है जिस कारण से इन आकड़ों को सही नहीं माना जा सकता वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हैं। इससे पहले भी वर्ष 2002-03 में SARS-CoV के समय चीन में काफी समय तक, इस विषय को छुपाने की कोशिश की गयी थी।

चीन में कोरोना वायरस के इतनी तेजी से फैलने के तीन प्रमुख कारण हैं –

  1. खाने में जानवरों के मांस का बहुप्रयोग – चीन में जानवरों(चमगादड़, सांप आदि) का मांस उनके खाने का प्रमुख अंग है। इसके साथ ही वे कम पके एवं कच्चे मांस को भी खाते हैं।
  2. चीनी नव वर्ष – ये समय (फरवरी) चीन में चीनी नव वर्ष का है जिसे चीन में त्योहार की तरह मनाया जाता है जिस कारण लोग एक स्थान से दूसरे स्थान यात्रा करते हैं। इन्हीं यात्राओं के कारण इस वायरस को फैलने में और मदद मिली।
  3. अधिक आबादी – चीन में अधिक आबादी घनत्व के कारण भी कोरोना वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल रहा है।
    इन्ही कारणों से चीन के 16 शहरों जिनकी कुल आबादी तकरीबन 5 करोड़ है को पूरी तरह से बन्द कर दिया गया है। किसी भी व्यक्ति को शहर में आने-जाने की अनुमति नहीं है। सेना को भी इस कार्य के लिए निर्देशित किया जा चुका है।

कोरोना वायरस के ऊपर WHO की स्थिति ?

WHO (World Health Organization) पहले ही ये चेतावनी दे चुका है कि अगली महामारी फैलने की आशंका दक्षिण पूर्वी एशिया में ही है। जिसके प्रमुख कारण यहां की अधिक आबादी और रहन सहन की अस्वच्छ व्यवस्था है। अभी तक WHO के आकड़ों के अनुसार 85000 से अधिक मामले दर्ज किये जा चुके हैं। विश्व के 64 देश इससे प्रभावित हुए हैं जिसमें से चीन एवं दक्षिण कोरिया प्रमुख हैं।

WHO द्वारा अभी तक COVID-19 बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया गया है। किसी भी बिमारी को महामारी घोषित करते ही उस बिमारी को रोकने और उससे लड़ने हेतु योजनाएं बननी शुरू हो जाती हैं, जिससे देशों का आर्थिक खर्चा बढ़ता है और ये वैश्विक व्यापार को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

भारत पर कोरोना वायरस का असर ?

भारत में अब तक कोरोना वायरस के 3 मामले सामने आये हैं ये तीनों ही मामले केरल के हैं, वर्तमान में ये तीनों ही इस बीमारी से स्वस्थ्य हो चुके हैं। भारत में चीन से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी गयी है एवं अन्य देशों से आने वाले यात्रियों की भी वायरस की जांच करी जा रही है। हाल ही में भारत, चीन के वुहान शहर में फसे 654 भारतीय नागरिकों को वापस भारत लाने में सफल रहा था। चीन से लाये गये इन सभी नागरिकों को 14 दिन तक दिल्ली के निकट मानेसर में सीआरपीएफ के एक आइसोलेशन कैंप में रखा गया तथा पुरी तरह से वायरस न होने की पुष्टि के बाद ही इन्हें इनके घरों को रवाना किया गया।

वैश्विक एवं भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का असर ?

कोरोना वायरस से चीन की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को भी धक्का लगा है। चीन जोकि विश्व की जीडीपी में अकेले ही कुल 17% का योगदान देता है, इस वायरस के कारण आर्थिक संकट को झेल रहा है। चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 50% से घट कर 36% पर आ गयी है।

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के टूट जाने से विश्व के कई देश चीन में बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, दवाओं एवं कपास पर निर्भरता के कारण आर्थिक मंदी देख रहे हैं। नीचे दिए गए आंकड़ों से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चीन के प्रभाव को समझा जा सकता है –

  • चीन विश्व का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक देश है।
  • चीन के लोग विश्व में पर्यटन पर सबसे अधिक खर्च करते हैं। जोकि वर्ष 2018 के आंकड़ों के अनुसार 277 अरब डॉलर था।

भारत पहले से ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। भारत और चीन के बीच प्रति वर्ष 86 अरब डॉलर का व्यापार होता है, जिसमें से 70 अरब डॉलर भारत चीन से आयात करता है और करीब 16 अरब डॉलर का निर्यात होता है।

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार समय रहते ही भारत व इस जैसे अन्य देशों को विकल्प खोज लेने चाहिए अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

अमेरिका की वॉल स्ट्रीट में भी अपने पूरे इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट को देखा है। सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले सैन फ्रांसिस्को शहर में मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दी गयी है। यूरोप भी इस वायरस से अछूता नहीं रहा है।

Information Source: https://www.who.int

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