एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर

एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर

एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर ( द्विबीजपत्री और एकबीजपत्री में अंतर ) : एकबीजपत्री किसे कहते हैं (What is Monocot), द्विबीजपत्री किसे कहते हैं (What is Dicotyledonous), एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री के उदाहरण? (Examples of Monocot and Dicot?) आदि महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर लिखिए? (Write the difference between monocot and dicot in hindi)
एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर लिखिए? (Write the difference between monocot and dicot)
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एकबीजपत्री किसे कहते हैं (What is Monocot)

एकबीजपत्री सुपुष्पक पौधों का वह समूह होता है जिनके बीजों में मुख्य रूप से एक ही बीजपत्र (cotyledon) पाया जाता है। यह वह बीज होते हैं जिसमें शिरा विन्यास (venation), संवहनी बंडलों (vascular bundles) की जटिल व्यवस्था एवं पुष्पीय भाग (floral parts) सामान्यतः तीन गुणक में होता है। इसके अलावा यह रेशेदार जड़तंत्र (fibrous root system) के होते हैं। एकबीजपत्री पादपों की जड़ें प्रारंभिक अवस्था में अधिक विकसित नहीं होती हैं एवं इनके संवहन मूल में कैंबियम (Cambium) की अनुपस्थिति होती है। इसके अलावा एकबीजपत्री पौधे वास्तव में फूल वाले पौधे होते हैं जिनकी जड़े रेशेदार होती हैं एवं इनके बीज के अंदर एकल कोटिलेडोन (single cotyledon) होता है। एकबीजपत्री की पहचान बीज एवं पत्तियों के द्वारा की जाती है। यह बीज को अंकुरित होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में सहायता करता है। एकबीजपत्री मुख्य रूप से पौधों के पत्तों को संदर्भित करता है जो बीज के अंकुरित होने के समय उत्सर्जित होते हैं।

द्विबीजपत्री किसे कहते हैं (What is Dicotyledonous)

द्विबीजपत्री को आवर्तबीजी पादप के नाम से भी जाना जाता है जिनके बीजों में एक प्रकार का ऊपरी खोल पाया जाता है एवं यह मुख्य रूप से फलों के अंदर पाए जाते हैं। यह पादप बीज को भ्रूणीय पत्तियों (Embryonic Leaves) या बीजपत्रों (Cotyledons) के मध्य विभाजित करते हैं। द्विबीजपत्री में अत्यंत विकसित जड़तंत्र पाया जाता है एवं इनके संवहन मूल में कैंबियम (Cambium) की उपस्थिति होती है। इस प्रकार के बीजों में शाखीय शिरा विन्यास, द्विबीजपत्र, व्यवस्थित संवहनी बंडलों की छल्ले एवं पुष्पीय भाग सामान्यतः चार या पांच के गुणक में होता है। यह वे सुपुष्पक पौधे होते हैं जिनके भ्रूण बीज में मुख्य रूप से दो बीजपत्र मौजूद होते हैं।

एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री के उदाहरण? (Examples of Monocot and Dicot?)

एकबीजपत्री के उदाहरण (Examples of Monocots)

एकबीजपत्री के चार वंश होते हैं:-

  • ग्रेमिनी (Gramineae)
  • पाल्मी (Palmae)
  • म्यूजेसी (Musaceae)
  • लिलिएसी (Liliaceae)

ग्रेमिनी (Gramineae)

ग्रेमिनी एकबीजपत्री पुष्प वाले पौधों की वह प्रजाति होती है जो सामान्यतः घास के रूप में पाई जाती है। वर्तमान समय में ग्रेमिनी वंश को पोएसी वंश के रूप में भी जाना जाता है। यह विश्व भर में पाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत होती है।

ग्रेमिनी वंश के प्रमुख सदस्य कुछ इस प्रकार हैं:-

  • गेहूं (Wheat)
  • बांस (bamboo)
  • मक्का (Maize)
  • धान (Rice)
  • गन्ना (Sugarcane)
  • बाजरा (Millet)
  • जई (Oat) आदि।

पाल्मी (Palmae)

पाल्मी एकबीजपत्री की वह प्रजाति है जो सामान्यतः ताड़ के पेड़ों के रूप में पाई जाती है। पाल्मी वंश के पेड़ विश्व भर में व्यापक रूप से मौजूद होते हैं जिनकी लंबाई सामान्य पेड़ों से अधिक होती है। कुछ आंकड़ों के अनुसार ताड़ के वृक्ष की लंबाई लगभग 30 मीटर या उससे अधिक भी हो सकती है।

पलमी वंश के प्रमुख सदस्य कुछ इस प्रकार हैं:-

  • ताड़ (Palm)
  • नारियल (Coconut tree)
  • खजूर (Date tree) आदि।

म्यूजेसी (Musaceae)

म्यूजेसी एकबीजपत्री के वह वंश होते हैं जिनके आकार में घनिष्ठता होती है परंतु उनकी लंबाई लगभग 8-10 मीटर तक सीमित होती है। इस प्रकार के पेड़ों की आयु अन्य पेड़ों की तुलना में बेहद कम होती है। उदाहरण के लिए केला एक म्यूजेसी वंश से संबंधित वृक्ष होता है।

लिलिएसी (Liliaceae)

लिलिएसी एकबीजपत्री के वह वंश होते हैं जो सामान्यतः छोटे पौधों के रूप में पाए जाते हैं। इनकी विशेषता यह है कि इन में लगने वाले फल मृदा के भीतर अर्थात जड़तंत्र से जुड़े हुए होते हैं।

लिलिएसी वंश के प्रमुख सदस्य कुछ इस प्रकार हैं:-

  • लहसुन (garlic)
  • प्याज (Onion)
  • आलू (potato)
  • मूंगफली (Groundnut)
  • हल्दी (Turmeric) आदि।

द्विबीजपत्री के उदाहरण (Examples of Dicots)

द्विबीजपत्री के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं:-

  • सूरजमुखी (Sunflower)
  • सरसों (Mustard)
  • मटर (peas)
  • गुड़हल (Hibiscus)
  • चना (Gram)
  • सेम (beans)
  • फूलगोभी (Cauliflower)
  • नाशपाती (pear)
  • सेब (Apple)
  • बींस (beans) आदि।

एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री में अंतर लिखिए? (Write the difference between monocot and dicot in hindi)

एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री में निम्नलिखित अंतर देखे जा सकते हैं जैसे:-

  • एकबीजपत्री के बीजों में एकल बीजपत्र की उपस्थिति होती है परंतु द्विबीजपत्री के बीजों में मुख्य रूप से दो बीजपत्रों की उपस्थिति होती है।
  • एकबीजपत्री के बीज भ्रूणपोषीय (endosperm) होते हैं जबकि द्विबीजपत्री के बीजों में केवल कुछ बीजों को छोड़कर अन्य सभी बीज अभ्रूणपोषीय (embryotrophic) होते हैं।
  • एकबीजपत्री के पत्तियों में समानांतर शिरा विन्यास (parallel vein arrangement) पाया जाता है जबकि द्विबीजपत्री की पत्तियों में जालिकावत शिरा विन्यास (reticulate venation) पाया जाता है।
  • एकबीजपत्री के तनों में द्वितीयक वृहदी (wide) नहीं पाई जाती है जबकि द्विबीजपत्री के तनों में द्वितीयक वृहदी पाई जाती है।
  • एकबीजपत्री के पुष्पों के भाग सामान्यतः तीन या चार के गुणक के रूप में विभाजित होते हैं जबकि द्विबीजपत्री के पुष्पों के भाग चार या पांच के गुणक के रूप में बटे हुए होते हैं।
  • एकबीजपत्री के तने शाखाहीन एवं संवहनी बंडलों की व्यवस्था जटिल रूप में होती है जबकि द्विबीजपत्री के तने प्रायः शाखायुक्त एवं संवहनी बंडलों की व्यवस्था छल्लों के रूप में होती है।
  • एकबीजपत्री में जड़तंत्र प्रायः अपस्थानिक रेशेदार (ectopic fibroma) होते हैं जबकि द्विबीजपत्री में जड़तंत्र प्रायः मूसला होते हैं।