ओटोमन साम्राज्य के पतन के कारण - Ottoman Empire

ओटोमन साम्राज्य के पतन के कारण – Ottoman Empire

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ओटोमन साम्राज्य (Ottoman Empire)

ओटोमन का अर्थ ‘तुर्क’ होता है और तुर्क शब्द खाना बदोशों के लिए प्रयुक्त किया जाता था। ओटोमन साम्राज्य एक तुर्क साम्राज्य था जिसके संस्थापक उस्मान गाज़ी थे उन्हीं के नाम से इस साम्राज्य को ‘उस्मानी साम्राज्य’ भी कहा जाता है। ओटोमन साम्राज्य का उदय वर्ष 1266 में हुआ जिसके बाद इस साम्राज्य का विस्तार दक्षिण पूर्वी यूरोप, पश्चिम एशिया से लेकर उत्तरी अफ्रीका तक हो गया था। ओटोमन साम्राज्य एक ऐसा साम्राज्य था जिसने इस्लाम को उसकी बुंलदियों पर पहुँचाने और भारत में मुग़ल सल्तनत की नींव को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ओटोमन साम्राज्य ने लगभग सात सौ साल तक राज किया और अपनी चरम अवस्था तक इस साम्राज्य का विस्तार लगभग 58 लाख वर्ग किमी तक फ़ैल चुका था। ओटोमन साम्राज्य को शक्ति, स्थिरता और धन के साथ खड़ा किया गया था। ओटोमन साम्राज्य के शासक सुलेमान ने सभी के लिए समान प्रणाली बनाई जिसके अंतर्गत उन्होंने कला और साहित्य के विभिन्न रूपों को भी अपनाया था।

ओटोमन साम्राज्य में कला को बहुत अधिक महत्व दिया गया था जिसमें उन्होंने पेंटिंग, सुलेश, वस्त्र और कालीन की बुनाई, कविता लिखना, चीनी मिट्टी की चीजें बनाना और संगीत को मुख्य रूप से शामिल किया था। कहा जाता है की ओटोमन साम्राज्य ने कला के माध्यम से उस समय की स्थिति को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कला के अतिरिक्त ओटोमन साम्राज्य ने गणित, खगोलीय विज्ञान, दर्शन, भौतिक, भूगोल और रसायन विज्ञान को भी सीखा और अभ्यास किया। इसके अलावा ओटोमन साम्राज्य ने दवाओं को बनाने में भी सबसे बड़ी प्रगति की थी और कई प्रकार के सर्जिकल उपकरणों का अविष्कार भी किया तथा इन उपकरणों का उपयोग वर्तमान में भी किया जाता है। ओटोमन साम्राज्य में 1299 से 1922 तक कुल 36 सुल्तानों ने शासन किया था।

ओटोमन साम्राज्य के पतन के कारण (Causes of the fall of the Ottoman Empire in hindi)

14वीं शताब्दी में ओटोमन साम्राज्य द्वारा देवश्रीम प्रणाली बनाई गई जिसके तहत ईसाइयों को अपने 20 प्रतिशत जवान लड़के राज्य को देने पड़ते थे और छोटे बच्चों को गुलाम और इस्लाम कबूलने के लिए बाधित किया जाता था किन्तु यह सामान्य तौर पर सेवा का कार्य किया करते थे।

राज्य की सेवा के लिए जाने वाले कुछ बच्चे व लड़के बहुत धनि भी बन जाया करते थे क्योंकि इनको सरकारी नौकरी और सेना में भर्ती होने के अवसर भी दिए जाते थे। वर्ष 1600 के दशक की शुरुआत में ओटोमन साम्राज्य ने यूरोप में अपना आर्थिक और सैन्य प्रभुत्व पुनः शुरू करना आरम्भ कर दिया। इस समय यूरोप औद्योगिक क्रांति के साथ तेजी से मजबूत होने लगा परन्तु ओटोमन साम्राज्य अमेरिका और भारत के व्यापार से मुकाबला करने में कमजोर पड़ने लगा।

अंततः वर्ष 1683 में यूआना के साथ लड़ाई में तुर्क हार गया और यही हार उनके पतन का प्रमुख कारण बनी। वर्ष 1922 आने तक ओटोमन साम्राज्य की प्रशासनिक शिथिलता व अक्षमताओं की वजह से संपूर्ण साम्राज्य की कृषि, उद्योग-धंधे और व्यापारिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो गई। ओटोमन साम्राज्य की कार्यक्षमता पूरी तरह शिथिल पड़ गई जिसमें उनका तकनीकी स्तर भी पूरी तरह गिर गया। ओटोमन साम्राज्य का एक बहुत बड़ा हिस्सा यूरोपीयों के अधीन चला गया जिससे अतंतः ओटोमन साम्राज्य का पतन हो गया।

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