Mineral resources in Uttarakhand
Mineral resources in Uttarakhand

उत्तराखंड में पायी जाने वाली खनिज संपदा व खनिज पदार्थ

उत्तराखंड में पायी जाने वाली खनिज संपदा व खनिज पदार्थ (List of Minerals found in Uttarakhand) : उत्तराखंड में अन्य राज्यों की अपेक्षा खनिज संसाधनों का अभाव है, लेकिन बहुत कम मात्रा में खनिज पदार्थों की उपस्थिति है। उत्तराखंड राज्य के वन क्षेत्र में स्थित खदानों से खनिजों का खनन उत्तराखंड वन विकास निगम (Uttarakhand Forest Development Corporation – UAFDC) द्वारा तथा अन्य (राजस्व) क्षेत्रों में खनन कार्य ‘गढ़वाल मण्डल विकास निगम’ तथा ‘कुमाऊ मण्डल विकास निगम’ द्वारा किया जाता हैं। यह खनन 4 अप्रैल, 2001 को बनी खनन नीति के तहत किया जाता है जिसके तहत ‘खनिज निधि’ बनाई गयी है जिसमें मुख्य खनिजों तथा उप खनिजों के खनन से एकत्रित राशि का 5 प्रतिशत इस ‘खनिज निधि’ में जमा किया जाता है। 

उत्तराखंड में मिलने वाले खनिज पदार्थ

चूना पत्थर (Limestone)

चूना पत्थर उत्तराखंड राज्य के देहरादून के कालसी के पास मंदारम क्षेत्र तथा बारकोंट क्षेत्र में और डोईवाला से 25 किमी. उत्तरपूर्व में उत्तम किस्म के चूना पत्थर के भण्डार हैं। ऋषिकेश के नीलकंठ, पंठरानू, बेली व भाडसी गांवों के पास चूना पत्थर के भण्डार होने का पता चला है। साथ ही मसूरी में क्रीम रंग के भारी एवं सख्त चूना पत्थर के भण्डार का पता चला है। टिहरी गढ़वाल के लोरानी, आगराखाल, नागिनी एवं नरेन्द्र नगर क्षेत्र में, पौड़ी गढ़वाल ऊखीमठ तहसील, अलकनन्दा घाटी, पिण्डर व लोहबा पट्टी के मध्यवर्ती भाग में, लैंसडाउन और श्रीनगर में प्रचुर चूना पत्थर के भंडार मिले हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के पीपलकोटी में सर्वोत्तम श्रेणी का चूना पत्थर और डोलोमाइट मिले हैं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा, नैनीताल व पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में भी कई जगह चुना पत्थरों की उपलब्धता है, इस खनिज का उपयोग चूना उद्योग के अलावा सीमेंट (Cement) उद्योग में किया जाता है।


संगमरमर (Marble)

संगमरमर मुख्य रूप से देहरादून व टिहरी गढ़वाल जिलों से प्राप्त होता है। देहरादून के मसूरी के पास 4 मिलियन टन के संगमरमर के भंडार मिला है। चमोली के अलकनन्दा व विरही गंगा घाटियों में भी काफी कम मात्रा के संगमरमर के भंडार मिलते हैं। 


मैग्नेसाइट (Magnesite)

कुमाऊ मंडल के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ के चण्डाक क्षेत्र में, बागेश्वर के झिरौली तथा गढ़वाल मंडल के चमोली के जोशीमठ, तपोवन, पोखारी, पिण्डर घाटी, मंदाकिनी घाटी तथा देवलधार आदि स्थानों पर मैग्नेसाइट का विशाल भंडार है। यह राज्य का ही नहीं बल्कि देश का भी मैग्नेसाइट भंडार का प्रमुख क्षेत्र है। इस खनिज का उपयोग लोहा इस्पात (Iron Steel) और सीमेंट कारखाने में विशाल भट्टी में ताप सहित ईंटों के रूप में किया जाता है।


टाल्क (सोप स्टोन) (Talc (Soap Stone))

टाल्क (सोप स्टोन) अत्यंत कोमल खनिज है, जो राज्य के चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर तथा अल्मोड़ा जिले में पाया जाता है। बागेश्वर जिले में सोपस्टोन का सबसे समृद्ध भंडार स्थित है। इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन टेलकम पाउडर (Talcum Powder), पेस्ट, साबुन, कीटनाशक पाउडर (Insecticide Powder), वस्त्र उद्योग एवं कागज (Textiles and Paper) आदि के निर्माण में किया जाता है।


खड़िया चौक (Talc Chalk)

उत्तराखंड राज्य में खड़िया देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चमोली तथा नैनीताल जिले में पाया जाता है। देहरादून जिले के मसूरी के पास स्थित महागांव और कियारकुली में खड़िया के क्षेत्र पाए गए हैं तथा यहाँ मिलने वाली खड़िया में कैल्शियम सल्फेट की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। देहरादून जिले के मसूरी में स्थित सहस्रधारा से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर में मंझरा में खड़िया के भंडारों की खोज हुई है जहाँ मिलने वाली खड़िया में चूना व शैल का मिश्रण है जो काफी कड़ा, सफेद एवं पथरीला है। देहरादून जिले के ही लक्ष्मण झूला के पास स्थित नीट गांव एवं सोत नाला में भी खड़िया की पेटियां मिली हैं, जिनमें 5,000 टन खड़िया होने की संभावना है। 

टिहरी जिले में सोंग नदी के दाहिने किनारे स्थित रंगार एवं रीरा गांव में खड़िया की बड़ी पेटियां चूने तथा स्लेट के साथ प्राप्त हुई हैं। इस क्षेत्र में 30,000 टन खड़िया के भंडार होने का अनुमान है। साथ ही देवस्थल, काण्डा, जखेरा, आगर-गिरिछीना, लोहार घाटी, मुवानी, राई आगर और चमोली के तरोसी व हुऐना, नैनीताल तथा मंदाकिनी घाटी एवं पिण्डर घाटी में भी खड़िया की पेटियां स्थित हैं। खड़िया खनिज का उपयोग उर्वरक, पोर्टलैंड सीमेंट, प्लॉस्टर आफ पेरिस आदि में किया जाता है।


रॉक फास्फेट (Rock Phosphate)

उत्तराखंड के देहरादून जिले के मसूरी, टिहरी गढ़वाल जिले के दुरमाला, किमोई, मसराना, माल देवता तथा चमसारी आदि तथा नैनीताल जिले में रॉक फास्फेट के प्रचुर भंडार हैं। रॉक फास्फेट का उपयोग उद्योग कॉल फॉर्मेशन तथा अम्लीय मृदा (Acidic soil) के उपचार के लिए किया जाता है।


फास्फोरस (Phosphorus)

उत्तराखंड के टिहरी जिले में रझगेंवा क्षेत्र में फास्फेट का भंडार है, इसके अलावा देहरादून में भी इसका भंडार है।


डोलोमाइट (Dolomite)

उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, व पिथौरागढ़ जिले में डोलोमाइट के भंडार है, डोलोमाइट का उपयोग सीमेंट, प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा तेजाब (Acid) आदि के निर्माण में किया जाता है।


सेलखड़ी (Soapstone)

उत्तराखंड राज्य में सेलखड़ी मुख्यतः देहरादून, टिहरी तथा पौड़ी गढ़वाल जिले में पाया जाता है। पौड़ी गढ़वाल से सेलखड़ी का अधिकांश उत्पादन होता है। सेलखड़ी का उपयोग रसायनिक उर्वरक, सीमेंट, कागज़ आदि में किया जाता हैं।


गंधक (Brimstone)

उत्तराखंड में गंधक (सल्फर) की खोज, सर्वप्रथम 1957 में चमोली के नंदप्रयाग से लगभग 51 किमी. पूर्व स्थित रूपगंगा घाटी के सुदौला ग्राम के समीप स्फटिक शिलाओं में में हुई थी। चमोली के ही गोहाना ताल के पास तथा देहरादून के सहस्त्र धारा के जल में गंधक घुला पाया गया है। यह भी माना जाता है कि सहस्त्र धारा में नहाने से त्वचा के कई रोग ठीक हो जाते हैं। बद्रीनाथ के तप्तकुण्ड व तपोवन के तप्तकुण्ड के पास भी गंधक पाया गया है। सल्फर श्रीनगर के निकट अलकनंदा की घाटी में भी पाया गया है। 


जिप्सम (Gypsum)

उत्तराखंड में जिप्सम मुख्यतः देहरादून जिले के धपीला क्षेत्र तथा खियरकुलीव भाटा गांवों के पास, टिहरी एवं पौढ़ी गढ़वाल जिले के खरारी घाटी, खेरा, लक्ष्मण झूला, मधुधानी, नरेन्द्रनगिन के पास, नैनीताल के खुरपाताल, मझरिया तथा अल्मोड़ा जिले में पाया जाता है। जिप्सम का उपयोग सीमेंट, गंधक (Brimstone) व अमोनियम सल्फेट (Ammonium sulphate) के निर्माण में किया जाता है।


लोहा (Iron)

उत्तराखंड में लोहा बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। नैनीताल जिले के ‘कालाडुंगी और ‘रामगढ़’ क्षेत्र में (हेमेटाइट एवं मैग्नेटाइट प्रकार का लोहा), गढ़वाल मण्डल स्थित पौढ़ी एवं टिहरी जिले के चांदपुर पट्टी, दूधातोली, राजबगुना, कालीफाट, चोपड़ा, लोहा गाँव, दशोली आदि स्थानों पर तथा अल्मोड़ा जिले में आयरन के भंडार पाए गए हैं। 


तांबा (Copper)

उत्तराखंड राज्य में तांबा चमोली जिले के नागनाथ, पोखरी, धनपुर, धमैथी, मोहनखाल क्षेत्रों में, पौड़ी गढ़वाल के धनपुरडोबरी में लगभग 96 किमी. लम्बा क्षेत्र (जहाँ तांबा एवं जस्ता दोनों साथ में पाया जाता है), टिहरी गढ़वाल जिले के भागीरथी घाटी, देहरादून जिला, नैनीताल जिला, अल्मोड़ा जिले के झिरोली गांव के समीप फलंमती पहाड़ी श्रेणी, बागेश्वर जिले के थेलीपाटन में एवं पिथौरागढ़ आदि जिलों में पाया जाता है।


सिलिका सेंड (सीसा) (Silica Sand (lead))

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के चंडाक, रालम, देवलगढ़ तथा भैंसवाल आदि स्थानों पर, अल्मोड़ा जिले के राई, चैनापानी, पट्टी खराही और विलौन क्षेत्र आदि स्थानों पर, देहरादून जिले के टोंस घाटी क्षेत्र के कुमा-बुरेला तथा मुघौला क्षेत्र में, उत्तरकाशी, टिहरी एवं पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल और थालीसैण क्षेत्र आदि में सिलिकासैंड (सीसा) के भंडार पाए गए हैं। 


ग्रेफाइट (Graphite)

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के निकट अलकनंदा की घाटी में तथा दक्षिणी-पूर्वी नैनीताल एवं देहरादून जिले में ग्रेफाइट पाया जाता है।


सोना (Gold)

उत्तराखंड राज्य में कुछ मात्रा में सोना, शारदा व रामगंगा के बालू में पाया जाता है, इसके अतिरिक्त अलकनंदा और पिंडर के बालू में भी सोना मिलता है। पौड़ी गढ़वाल के कलचुर क्षेत्र में एक 60 किमी लंबी और दो से पांच किमी चौड़ी पट्टी में गोल्ड की मौजूदगी पाई गई है।


चांदी (Silver)

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में कुछ मात्रा में चांदी मिलती है।


यूरेनियम (Uranium)

उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में युरेनियम की उपलब्धता के संकेत प्राप्त हुए हैं।


एस्बेस्टस (Asbestos)

उत्तराखंड राज्य में एस्बेस्टस खनिज रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ, पौड़ी गढ़वाल जिले के कांधेरा तथा अल्मोड़ा जिले में पाया जाता है। एस्बेस्टस का उपयोग तापरोधी वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है क्योंकि एस्बेस्टस अत्यधिक ताप सहन कर सकता है एवं रासायनिक क्रिया से अधिक प्रभावित नहीं होता है इसी कारण औद्योगिक क्षेत्र में एस्बेस्टस का उपयोग अत्यधिक किया जाता है।


बेस मेटल्स (Base Metals)

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल, पौढ़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ जिलों में बेस मेटल्स पाया जाता है।


बेराइट्स (Barite या Baryte)

उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में बेराइट्स के पर्याप्त भण्डार हैं। बेराइट एक खनिज है जिसमें बेरियम सल्फेट (BaSO4) पाया जाता है जिसका रंग सफेद या लाल, चमकदार और कठोर होता है। 


टिन (Tin)

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में टिन पाया जाता है।


पाथर और पटाल (पत्थर)

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में उत्तम प्रकार का पटाल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पटाल का प्रयोग मकानों की छतों, आंगन, नालियों, सड़कों आदि के निर्माण में किया जाता है।


कोयला

पौड़ी जिले के लालढांग के पास हार्ड कोयला पाया गया है।