(1) एक बड़ी खोज के तहत वैज्ञानिकों ने बृहस्पति के आकार के एक छोटे तारे (Dwarf star) के पास ऐसे 7 ग्रहों की खोज की है जो पृथ्वी (Earth) से काफी मिलते जुलते हैं तथा जहाँ जीवन की संभावना भी जताई गई है। ये ग्रह जिस छोटे तारे के आस-पास पाए गए हैं उसका नाम ट्रैपिस्ट-1 (Trappist-1) है ।
विस्तार: प्रसिद्ध विज्ञान पत्रिका “नेचर” (‘Nature’) में 23 फरवरी 2017 को प्रकाशित एक लेख में उल्लेख किया गया है कि मई 2016 के दौरान वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 39 प्रकाश वर्ष (39 light years) दूर स्थित ट्रैपिस्ट-1 (Trappist-1) नामक वामन तारे (Dwarf star) के सामने से गुजर रहे तीन ग्रहों का पता लगाया था। इसके बाद इस स्थान की महीनों छानबीन करने के बाद वैज्ञानिकों को यहीं चार और ब्राह्य-ग्रहों (exo-planets) का पता भी चला है, जो इस ग्रह की परिक्रमा कर रहे थे। ट्रैपिस्ट-1 नामक यह तारा कम द्रव्यमान (low mass) वाला तथा छोटा है। माना जा रहा है इसके आस-पास पाए गए 7 ग्रहों में द्रव अवस्था में जल (liquid water) मौजूद हो सकता है तथा यहाँ जीवन की भी संभावना है। यह सातों ग्रह ट्रैपिस्ट-1 के रहने वाले क्षेत्र (habitable zone) में पाए गए हैं। इस प्रकार यह पहला ही मौका है जब किसी तारे के रहने लायक क्षेत्र में इतने सारे ग्रह पाए गए हैं। वैज्ञानिकों द्वारा जारी जानकारी के अनुसार इन 7 ग्रहों में से 5 का आकार जहाँ लगभग पृथ्वी जितना ही है वहीं शेष 2 ग्रहों का आकार लगभग मंगल (Mars) और पृथ्वी के बीच का है।
(2) केन्द्र सरकार द्वारा 23 फरवरी 2017 को की गई घोषणा के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 5 सहयोगी बैंकों (associate banks) का उसमें प्रस्तावित विलय (merger) 1 अप्रैल 2017 से प्रभाव में आएगा।
विस्तार: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 5 सहयोगी बैंकों का उसमें विलय 1 अप्रैल 2017 को प्रभाव में आ जायेगा। केन्द्र सरकार ने उक्त घोषणा 23 फरवरी 2017 को की। ये 5 पाँच सहयोगी बैंक हैं – स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर (SBBJ), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (SBM), स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर (SBT), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (SBP) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (SBH) । इसका तात्पर्य हुआ कि 1 अप्रैल 2017 से इन 5 सहयोगी बैंकों के शेयरों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा तथा ये भारतीय स्टेट बैंक में हस्तांतरित हो जायेंगे। इस महा-विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक दुनिया के सबसे बड़े 50 बैंकों में शामिल हो जायेगा तथा इसका कुल परिसम्पत्ति आधार (asset base) लगभग 37,00,000 करोड़ रुपए (Rs. 37 Trillion) हो जायेगा।
(3) केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा फरवरी 2017 के दौरान जारी आंकड़ों के अनुसार आलू के उत्पादन (potato production) में गुजरात (Gujarat) राज्य का बनासकांठा (Banaskantha) जिला उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) जिले को पछाड़ कर देश में सर्वाधिक आलू उत्पादित करने वाला जिला बन गया है।
विस्तार: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी फल, सब्जी तथा फसल के उत्पादन व कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित भारत की जिलावार रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बनासकांठा (Banaskantha) जिले ने वर्ष 2016 के दौरान आलू का कुल 17.10 लाख मीट्रिक टन (MT) उत्पादन कर देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक जिले का रुतबा हासिल किया है। इस मामले में उसने उत्तर प्रदेश (UP) के आगरा (Agra) जिले को पीछे छोड़ा है जहाँ इस वर्ष कुल 15.84 मीट्रिक टन आलू उत्पादित हुआ है। अभी तक आगरा जिला देश में आलू उत्पादन में पहले स्थान पर था। इन आंकड़ों के अनुसार बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में सर्वाधिक क्षेत्र में आलू की बुवाई की गई थी (85,500 हेक्टेयर) तथा बुवाई के मामले में बनासकांठा देश में 52,800 हेक्टेयर क्षेत्र के चलते तीसरे स्थान पर था। लेकिन ड्रिप सिंचाई तथा बेहतर भण्डारण सुविधाओं के कारण बनासकांठा ने उत्पादन में सबको पीछे छोड़ दिया।
(4) भारत (India) और चीन (China) के द्विपक्षीय सम्बन्धों से जुड़ा दोनों देशों के बीच पहली कूटनीतिक वार्ता (Strategic Dialogue) 22 फरवरी 2017 को हुई।
विस्तार: भारत और चीन के मध्य पहली बार कूटनीतिक वार्ता का आयोजन 22 फरवरी 2017 को चीनी राजधानी बीजिंग (Beijing) में हुआ। इस अहम वार्ता में जहाँ भारतीय दल का नेतृत्व विदेश विदेश सचिव एस.जयशंकर (S. Jaishankar) ने किया वहीं चीनी दल का नेतृत्व वहाँ के वरिष्ठ राजनयिक यांग जिची (Yang Jiechi) ने किया। इस वार्ता में द्विपक्षीय सम्बन्धों से जुड़े तमाम मुद्दों समेत आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group – NSG) में भारत के प्रवेश की सदस्यता जैसे मुद्दे भी शामिल थे। वार्ता में भारत ने मसूद अजहर के संगठन पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए चीन द्वारा ठोस सबूत (“solid evidence”) की मांग को लेकर चीन पर गहरा रोष व्यक्त किया। विदेश सचिव जयशंकर ने कहा कि अजहर और उसके संगठन के खिलाफ काफी ठोस प्रमाण उपलब्ध हैं और प्रमाण का बोझ ढोना सिर्फ भारत की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। भारत ने पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान गलियारे की परियोजना (China Pakistan Corrodor Project) को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इससे भारत की संप्रभुता प्रभावित हो रही है।
(5) 22 फरवरी 2017 को शुरू किए गए “साइबर स्वच्छता केन्द्र” बॉटनेट क्लीनिंग एवं मेलवेयर विश्लेषण केन्द्र (botnet cleaning and malware analysis center) जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की साइबर दुनिया को तमाम प्रकार के खतरनाक वायरस व बॉटनेट के संक्रमण से बचाकर इसे अधिकाधिक सुरक्षित बनाना है।
विस्तार: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा संकल्पित “साइबर स्वच्छता केन्द्र” (“Cyber Swachhta Kendra – CSK) का उद्घाटन 22 फरवरी 2017 को केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने किया। इस केन्द्र की स्थापना “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति” (“National Cyber Security Policy”) के प्रावधानों के तहत की गई है जिसमें देश के साइबर ढांचे को सुरक्षित करने की विस्तृत संकल्पना प्रस्तुत की गई है। यह केन्द्र तमाम इंटरनेट सेवा प्रदत्ताओं (ISPs) व एण्टी-वायरस कम्पनियों के साथ सहयोग सुनिश्चित करते हुए अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दूरसंचार व संचार उपकरणों जैसे कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, टेबलेट, यूएसबी ड्राइव आदि को संक्रमण से बचाने के लिए क्विकहील जैसे नामी एण्टी-वायरस उपलब्ध कराता है। इसमें सेण्टर फॉर डेवलपमेण्ट ऑफ एडवान्स्ड कम्प्यूटिंग (C-DAC) द्वारा विकसित वायरस व मेलवेयर टूल भी उपलब्ध कराए गए हैं जैसे ‘AppSamvid’ नामक एप व्हाइट-लिस्टिंग टूल तथा ‘USB Pratirodh’ जो USB उपकरणों के अवैध उपयोग पर रोक लगाने में सक्षम है।