MPPSC Pre Exam Paper 18 December 2023 (Answer Key) – CSAT (Paper 2): MPPSC Pre exam paper 17 December 2023 CSAT (Paper 2 – Shift 2) with Answer Key available here which is successfully conducted today from 2:15 PM to 4:15 PM at various exam centers of Madhya Pradesh state. Check out the unofficial answer key here to check your performance and get an early glimpse of your results.
Exam Name : MPPSC Pre exam paper 2023
Paper : Paper 2 (CSAT)
Exam Organiser : MPPSC (Madhya Pradesh Public Service Commission)
Exam Date : 17/12/2023
Exam Time : 2:15 PM to 4:15 PM
Total Question : 100
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MPPSC Pre exam paper – 17/12/2023 (Answer Key) – Paper – II (CSAT)
प्रश्न सं. 1 – 5 ( अवतरण – 1 पर आधारित)
अवतरण – 1
तनाव शारीरिक रोगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और यहाँ तक कि कैंसर भी उच्च तनाव से संबद्ध हैं । अतः, तनाव प्रबंधन की तकनीकों को जानना बहुत आवश्यक है ।
सर्जनात्मक मानस – प्रत्यक्षीकरण एक आत्मनिष्ठ अनुभव है जिसमें प्रतिमा तथा कल्पना का उपयोग किया जाता है । संज्ञानात्मक व्यवहारात्मक तकनीक द्वारा व्यक्ति के नकारात्मक तथा अविवेकी विचारों के स्थान पर सकारात्मक एवं विवेकपूर्ण विचारों को प्रतिस्थापित किया जाता है ।
1. तनाव के शारीरिक पक्षों के प्रति जागरूकता विकसित करना क्या कहलाता है ?
(A) मानस- प्रत्यक्षीकरण
(B) अधिगम
(C) जैव- प्रतिप्राप्ति
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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2. आत्मनिष्ठ अनुभव जिसमें कल्पना का उपयोग होता है –
(A) संज्ञान
(B) व्यक्तिगत अनुभव
(C) संवेग
(D) सर्जनात्मक मानस – प्रत्यक्षीकरण
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3. एक उपागम जिसमें अविवेकी विचारों को विवेकपूर्ण विचारों से प्रतिस्थापित किया जाता है, कहते हैं
(A) ध्यान
(B) संज्ञानात्मक व्यवहारात्मक तकनीक
(C) सर्जनात्मकं मानस – प्रत्यक्षीकरण
(D) उपर्युक्त सभी
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4. मन को शांति प्रदान करने के लिए कौन-सी तकनीक का प्रयोग किया जाता है ?
(A) विश्रांति
(B) जैव-प्रतिप्राप्ति
(C) ध्यान
(D) साहस
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5. निम्नलिखित में से किस तकनीक द्वारा ध्यान को पुनः केन्द्रित किया जाता है ?
(A) विश्रांति
(B) ध्यान
(C) व्यक्तित्व परिवर्तन
(D) उपर्युक्त सभी
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प्रश्न सं. 6 – 10 ( अवतरण -2 पर आधारित )
अवतरण – 2
सभी चुनौतियाँ, समस्याएँ तथा कठिन परिस्थितियाँ हमें तनाव में डालती हैं । अतः यदि तनाव का ठीक से प्रबंधन किया जाए, तो वह व्यक्ति की जीवित रहने की संभावना में वृद्धि करता है । तनाव ऊर्जा प्रदान करते हैं, मानव भाव-प्रबोधन में वृद्धि करते हैं तथा निष्पादन को प्रभावित करते हैं । उच्च तनाव अप्रीतिकर प्रभाव उत्पन्न कर सकता है और हमारे निष्पादन को खराब कर सकता है । इसके विपरीत, बहुत कम तनाव के कारण व्यक्ति निम्न-स्तर की अभिप्रेरणा का अनुभव कर सकता है, जिसके कारण हम धीमी गति से तथा कम दक्षतापूर्ण निष्पादन कर पाते हैं । यह याद रखना महत्त्वपूर्ण है कि प्रत्येक तनाव खराब नहीं होता । तनाव का वह स्तर जो व्यक्ति के लिए लाभप्रद है तथा उच्चतम निष्पादन स्तर की उपलब्धि के लिए व्यक्ति के सर्वोत्तम गुणों में से एक है, को वर्णित करने के लिए ‘यूस्ट्रेस’ शब्द का उपयोग किया जाता है । तथापि, यूस्ट्रेस के व्यथा (distress) में. परिवर्तित हो जाने की संभावना रहती है। तनाव की यह बाद वाली अभिव्यक्ति ही हमारे शरीर के जीर्ण-शीर्ण होने का कारण होती है ।
6. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक हमारे शरीर को जीर्ण-शीर्ण करता है ?
(A) यूस्ट्रेस
(B) व्यथा (distress)
(C) सामान्य प्रभाव
(D) यूस्ट्रेस तथा व्यथा दोनों
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7. थोड़ा तनाव कारण बन सकता है
(A) निम्न अभिप्रेरणा का
(B) उच्च अभिप्रेरणा का
(C) अभिप्रेरणा पर कोई प्रभाव नहीं
(D) अभिप्रेरणा पर निम्न और उच्च दोनों ही प्रभाव
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8. यूस्ट्रेस है
(A) कभी-कभी अच्छा
(B) खराब
(C) हमेशा अच्छा
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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9. बहुत उच्च स्तर का तनाव हमें अग्रसर करता है
(A) उच्च निष्पादन की ओर
(B) निम्न निष्पादन की ओर
(C) सुखद प्रभाव की ओर
(D) उपर्युक्त सभी
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10. तनाव, निम्नलिखित में से किसके द्वारा उत्पन्न नहीं होता है ?
(A) चुनौतियाँ
(B) समस्याएँ
(C) कठिन परिस्थितियाँ
(D) संसाधनों
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